जयपुर, 15 जनवरी अलवर जिले में मानसिक रूप से कमजोर एक नाबालिग के बदहाल एवं घायल अवस्था में मिलने के मामले में राजनीतिक बयानबाजी शनिवार को भी जारी रही और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है।
इस मामले के तूल पकड़ने के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पीड़िता के पिता तथा राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से फोन पर बात की। राज्य पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट और तकनीकी साक्ष्यों का हवाला देते हुए कहा है कि पीड़िता से दुष्कर्म की संभावना नहीं है। हालांकि, पुलिस अभी यह पता लगा रही है कि नाबालिग को इतनी गंभीर चोटें कैसे आईं।
उल्लेखनीय है कि 14 साल की नाबालिग मंगलवार रात अलवर जिले में मालाखेड़ा थाना क्षेत्र में एक पुल पर बदहाल अवस्था में मिली थी। उसका जयपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने शनिवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं ताकि सच्चाई सामने आए।’’ उन्होंने पुलिस पर इस मामले यू-टर्न लेने का आरोप लगाया और कहा कि राजस्थान जैसे शांतिपूर्ण राज्य में पिछले तीन वर्षों में अपराध बढ़े हैं। पूनिया ने कहा कि पीड़िता से दरिदंगी की गई है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए पूनिया ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में ‘‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’’ का नारा दिया, लेकिन राजस्थान में जो हुआ उसे नजरअंदाज कर दिया। भाजपा का एक प्रतिनिधि मंडल शनिवार को पीड़िता के परिवार से मिलने उसके गांव गया। भाजपा ने इसके विरोध में 17 एवं 18 जनवरी को राज्य के सभी मंडलों पर व्यापक प्रदर्शन की घोषणा की है।
उधर, प्रियंका गांधी ने इस मामले को लेकर पीड़िता के पिता तथा मुख्यमंत्री गहलोत से बात की। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी धीरज गुर्जर ने शुक्रवार देर रात ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अलवर में जो घटना हुई है वो नाकबिले बर्दाश्त है। पीड़िता के पिता से प्रियंका गांधी की फोन पर बात हुई है। उन्हें हर तरह से मदद का भरोसा दिलाने के साथ ही किसी भी प्रकार की सहायता के लिए सीधा संपर्क करने के लिए कहा है।’’
गुर्जर ने अगले ट्वीट में कहा, ‘‘साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत से भी घटना के बारे में जानकारी लेने, पीड़िता के इलाज, परिवार का ख्याल रखने और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई का आग्रह किया गया है।’’
मुख्यमंत्री गहलोत ने शुक्रवार को कहा था इस मामले में राजनीतिक दलों को अनर्गल बयानबाजी नहीं करनी चाहिए और पुलिस को स्वतंत्र रूप से मामले की जांच करने देना चाहिए।
गहलोत ने शुक्रवार रात ट्वीट किया, ‘‘पुलिस ने शुक्रवार को मेडिकल रिपोर्ट व तकनीकी साक्ष्यों का हवाला देते हुए कहा कि पीड़िता से दुष्कर्म की संभावना नहीं है। हालांकि, पुलिस को अभी यह पता नहीं लगा है कि नाबालिग को इतनी गंभीर चोटें कैसे आईं।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘अलवर में विमंदित बालिका के प्रकरण के संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, पुलिस अधीक्षक (एसपी), अलवर और बालिका का इलाज कर रहे वरिष्ठ डॉक्टरों से संपर्क बना हुआ है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कर शीघ्र मामले की तह तक पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। अलवर एसपी की सहायता के लिए उप महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जांच के लिए अलग से टीम भेजी गई है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस मामले पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं।
इससे पहले अलवर की पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने बताया था कि शुक्रवार को मेडिकल विशेषज्ञों के एक दल ने पुलिस को एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें उन्होंने कहा कि नाबालिग के साथ दुष्कर्म की संभावना नहीं है।
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