नयी दिल्ली, 12 जुलाई कई दिनों तक भारी बारिश का सितम झेलने के बाद उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में मौसम बेहतर हुआ है, जिसके बाद अधिकारियों ने फंसे हुए पर्यटकों को निकालने, मुख्य मार्गों पर यातायात परिचालन बहाल करने और नए इलाकों में बाढ़ के पानी को घुसने से रोकने के लिए बुधवार को युद्धस्तर पर कार्य शुरू कर दिया
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सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 15 लोगों की मौत हुई है।
हिमाचल की राज्य सरकार ने कहा कि प्रदेश के कसोल में फंसे कम से कम दो हजार पर्यटकों को निकाल लिया गया और भूस्खलन व बाढ़ की वजह से लाहौल में फंसे 300 से ज्यादा पर्यटक वाहन अपने-अपने गंतव्य स्थानों की ओर रवाना हो चुके हैं।
सरकारी एजेंसियों के मुताबिक, दिल्ली में यमुना बुधवार को 207.55 मीटर के स्तर तक पहुंच गई और 1978 के अपने सबसे उच्च स्तर 207.49 मीटर को पार कर गई।
दिल्ली में पिछले तीन दिनों में यमुना का जल स्तर बहुत तेजी से बढ़ा है।
यमुना का जलस्तर रविवार को 203.14 मीटर था, जो सोमवार को शाम पांच बजे तक 205.4 मीटर हो गया। 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार करने का पूर्वानुमान 18 घंटे पहले ही पूरा हो गया।
दिल्ली पुलिस ने बाढ़ संभावित इलाकों में चार और उससे ज्यादा लोगों के जमा होने और समूहों में जन गतिविधियों को रोकने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी है।
जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने संवाददाताओं को बताया कि दिल्ली सरकार हालात से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हम हालात पर नजर रखे हुए हैं और सभी संभावित कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यमुना का जलस्तर बढ़ने पर हालात को काबू करने के लिए निचले इलाकों में तटबंधों का निर्माण किया जा रहा है ताकि राजधानी के दूसरे हिस्सों में बाढ़ के पानी को घुसने से रोका जा सके।
निचले इलाकों में रह रहे लोगों को ऊंचाई वाले सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है और बचाव व राहत कार्य के लिए 45 नौकाएं तैनात की गई हैं।
अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर बह रही यमुना के मद्दनेजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया और कहा कि राजधानी में बाढ़ की खबर दुनिया के लिए अच्छा संदेश नहीं है।
दिल्ली में हालात जल्द सुधरने की संभावना नहीं है क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शहर में बुधवार को हल्की से सामान्य बारिश और अगले चार से पांच दिनों तक लगातार बारिश का पूर्वानुमान लगाया है।
आईएमडी ने कहा कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिमी मध्य प्रदेश में अगले दो दिन तक भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है और उसके बाद बारिश में कमी आएगी।
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