देश की खबरें | राहुल गांधी ने फिर जाति सर्वेक्षण की वकालत की, अग्निवीर योजना खत्म करने का वादा किया

नयी दिल्ली, चार मई कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर देश में जाति आधारित सर्वेक्षण कराने की वकालत करने के साथ किसके पास कितना धन है, इसका पता लगाने के लिए आर्थिक समीक्षा कराने की भी बात कही है। उन्होंने कहा कि यदि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) सत्ता में आता है तो वह सबसे पहले यही दो काम करेगा।

राष्ट्रीय राजधानी में 'न्याय मंच-अब इंडिया बोलेगा' में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि सत्ता में आने पर 'इंडिया' गठबंधन ‘अग्निवीर योजना’ को खत्म कर देगा और उन 1.5 लाख युवाओं को मुआवजा दिया जाएगा जिनका चयन तो किया गया, लेकिन उन्हें सशस्त्र बलों में प्रवेश नहीं दिया गया।

उन्होंने कहा, ''सबसे पहले जाति आधारित जनगणना कराई जाएगी और किसके पास कितना धन है, यह पता लगाने के लिए आर्थिक समीक्षा भी कराई जाएगी।''

राहुल गांधी ने कहा कि देश की 90 प्रतिशत आबादी वाले लोगों को अपनी ताकत का पता नहीं है और वे इस बात से भी अनजान हैं कि उनके पास भारत की कितनी संपत्ति है।

राहुल गांधी ने कहा, ''वे कहते हैं कि उनकी आबादी लगभग 50 प्रतिशत है, लेकिन वे नहीं जानते कि उनके पास कितनी संपत्ति है। हम जाति आधारित जनगणना कराएंगे जिससे ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) को पता चल जाएगा कि विभिन्न क्षेत्रों में उनके पास कितना है और सच्चाई सामने आ जाएगी।''

उन्होंने कहा, ''आज ओबीसी को मूर्ख बनाया जा रहा है और उन्हें बहुत कुछ बताया जा रहा है, लेकिन किसके पास कितनी संपत्ति है इसके बारे में नहीं बताया जा रहा है।''

गांधी ने ओबीसी वर्ग के एक युवा के सवाल का जवाब देते हुए कहा, ''पिछड़ों, गरीबों, सामान्य जातियों के लोगों और महिलाओं के हाथ में कितनी संपत्ति है? हम आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए यह पता लगाएंगे कि किसके पास कितनी संपत्ति है। फिर नई राजनीति शुरू होगी।’’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सोशल मीडिया प्रमुख अमित मालवीय ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने पूछा कि राहुल गांधी अपने खतरनाक और भ्रामक विचारों से देश को कहां ले जाना चाहते हैं?

गांधी ने दावा किया कि पिछले 10 वर्षों में रोजगार सृजन की प्रणाली को ध्वस्त कर दिया गया है और छोटे व्यवसाय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और नोटबंदी से जूझने के बाद रोजगार प्रदान करने में समर्थ नहीं हैं।

पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि अग्निवीर योजना सेना द्वारा नहीं बनाई गई थी, पूरी व्यवस्था को दरकिनार कर दिया गया और सेना से पूछे बिना ही प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा निर्णय ले लिया गया।

गांधी ने दावा किया कि जहां आम लोगों को एक रुपये का भी कर्ज माफी नहीं किया गया, वहीं बड़े उद्योगपतियों के 16 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिये गये।

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