फिरोजपुर, 23 जनवरी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को भाजपा नीत केंद्र से कहा कि वह ‘‘अहंकार’’ छोड़े और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग स्वीकार कर ले।
बादल ने कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि केंद्र सरकार अपने रुख पर अड़ी हुई है और किसानों की मांग के अनुसार इन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए तैयार नहीं है।’’
बादल ने कहा कि देश के किसान इन कानूनों को निरस्त करने अपनी मांग को लेकर एकजुट हैं, जो किसानों की भावी पीढ़ियों को पूरी तरह से ‘‘नष्ट’’ कर देंगे।
मुख्य तौर पर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर पिछले कई हफ्तों से दिल्ली के कई सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं।
बादल ने एक बयान में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ मामला दर्ज करने की कड़ी निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र उन लोगों के खिलाफ "प्रतिशोध" की राजनीति कर रहा है जो किसानों का समर्थन कर रहे थे।
बादल ने आरोप लगाया कि संकट की इस घड़ी में वे किसानों को 'लंगर' परोस रहे हैं और उनके साथ खड़े हैं और यही एकमात्र कारण है कि उन्हें ‘‘झूठे’’ मामलों में घसीटा जा रहा है।
अधिकारियों ने कहा था कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सिरसा के खिलाफ धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज किया है।
बादल ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की भी आलोचना की और आरोप लगाया कि वह राज्य के लोगों से किए गए वादों में से एक भी वादा पूरा करने में ‘‘विफल’’ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि घोषणाएं करना अलग बात है और उन्हें लागू करना अलग बात है।
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