ताजा खबरें | टीआरएस के भारी हंगामे के कारण लोकसभा में प्रश्नकाल बाधित रहा

नयी दिल्ली, एक दिसंबर किसानों के मुद्दे पर तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्यों के शोर-शराबे के कारण लोकसभा की कार्यवाही बुधवार को बाधित रही तथा उसे आधे घंटे के लिये स्थगित करना पड़ा।

आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा। इसी बीच तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्य शोर-शराबा करते हुए आसन के समीप आ गए। कुछ अन्य दलों के सदस्यों ने भी अपने स्थान से किसानों का मुद्दा उठाया, हालांकि बाद में वे शांत हो गए।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुरू में कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान किसानों की मौत का मुद्दा उठाने का प्रयास किया लेकिन अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसके बाद थोड़ी देर के लिये अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक के टी आर बालू एवं कुछ अन्य सदस्य ने सदन से वाकआउट किया।

इस बीच, अध्यक्ष ओम बिरला ने शोर-शराबे के बीच ही प्रश्नकाल की कार्यवाही चलाने का प्रयास किया और रेल मंत्रालय, उपभोक्ता एवं खाद्य मामलों के मंत्रालय से जुड़े प्रश्न लिये गए। सदस्यों ने पूरक प्रश्न पूछे और संबंधित मंत्रियों ने जवाब दिये।

इस दौरान टीआरएस सदस्यों का हंगामा जारी रहा। वे तख्तियां लिये हुए थे जिन पर लिखा था, ‘‘ किसानों को दंडित करना बंद करो’’, ‘‘एमएसपी पर कानून लाओ’’।

लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने की अपील करते हुए कहा कि सभी सदस्य सदन में चर्चा करने आते हैं और जब एक वरिष्ठ सदस्य सवाल पूछ रहे हों, तब इस प्रकार उनके सामने तख्तियां लाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ सदस्य पूरे सदन के कामकाज में व्यवधान डाल रहे हैं जो ठीक नहीं है।

बिरला ने कहा कि ऐसे गलत तरीके को रोकने के लिये सामूहिक प्रयास किये जाने की जरूरत है।

अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सदन 130 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करता है, प्रश्नकाल महत्वपूर्ण होता है और सदस्य सवाल पूछें, सरकार जवाब देने को तैयार है।’’

बहरहाल, व्यवस्था बनते नहीं देख लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही बुधवार को सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दी।

इससे पहले, प्रश्नकाल के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पूरक प्रश्नों के जवाब हिन्दी और अंग्रेजी में दिये। तब तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय सहित कुछ विपक्षी सदस्यों ने कहा कि जब सवाल अंग्रेजी में पूछे गए हैं तब मंत्री हिन्दी में जवाब क्यों दे रहे हैं।

राय ने द्रमुक की टी सुमति के अंग्रेजी में पूछे गये प्रश्न पर रेल मंत्री के जवाब का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘सुमति ने अंग्रेजी में प्रश्न पूछा और मंत्री, जो नये मंत्री बने हैं, ने हिंदी में उत्तर दिया।’’

संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को कहते सुना गया, ‘‘यह परिपाटी कब से बनी है?’’

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन में विभिन्न ओं में साथ-साथ अनुवाद की सुविधा है।

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