होशियारपुर, 12 सितंबर पंजाब में चिकित्सकों द्वारा बृहस्पतिवार से तीन दिनों के लिए बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने का आह्वान किये जाने के कारण सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ा।
चिकित्सकों ने उनकी मांगों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार से लिखित आश्वासन नहीं मिलने के बाद आंदोलन का अगला चरण शुरू किया।
पंजाब मंत्रिमंडल उप-समिति के साथ बुधवार को हुई बैठक के बाद प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने कहा था कि समिति ने सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन (एसीपी) योजना की बहाली सहित उनकी सभी मांगों पर सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की है।
पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज (पीसीएमएस) एसोसिएशन के बैनर तले करीब 2,500 सरकारी चिकित्सक अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इन मांगों में एसीपी योजना को बहाल करने और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय की मांग भी शामिल है।
एसीपी योजना सरकारी कर्मचारियों को वित्तीय लाभ और उच्च वेतनमान प्रदान करती है।
पीसीएमएस एसोसिएशन ने नौ से 11 सितंबर तक सुबह आठ से पूर्वाह्न 11 बजे तक सभी जिलों, उप-मंडल के अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तीन घंटे के लिए ओपीडी सेवाएं निलंबित कर दी थीं।
एसोसिएशन ने चेतावनी दी थी कि अगर चिकित्सकों की मांगें पूरी नहीं की गईं तो आंदोलन के अगले चरण में 12 सितंबर से तीन दिनों के लिए ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी जाएंगी।
एसोसिएशन ने हालांकि कहा कि प्रदर्शनकारी चिकित्सक आपातकालीन सेवाएं, पोस्टमार्टम और जांच जारी रखेंगे।
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