जरुरी जानकारी | बजट में कर विवादों को कम करने का प्रस्ताव, विवाद से विश्वास-दो की तैयारी

नयी दिल्ली, 23 जुलाई सरकार ने मंगलवार को कर मामलों में विवादों को कम करने के लिए ‘विवाद से विश्वास’ योजना-दो लाने का प्रस्ताव किया। साथ ही दोबारा आकलन की कार्रवाई शुरू करने की समयसीमा में कमी लाने और कानूनी मंचों पर कर अधिकारियों के लिए अपील दायर करने के लिए मौद्रिक सीमा बढ़ाने की भी घोषणा की गयी।

बजट घोषणा के अनुसार, आकलन वर्ष समाप्ति के बाद तीन साल से लेकर पांच साल तक की अवधि वाले आयकर मामलों को फिर खोला जा सकेगा। लेकिन इसके लिए शर्त है कि मामला 50 लाख रुपये या उससे अधिक का हो।

तलाशी के मामलों में भी तलाशी के वर्ष से पहले छह साल की समयसीमा का प्रस्ताव किया गया है। जबकि वर्तमान में यह 10 साल की समयसीमा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘इससे कर अनिश्चितता और विवाद कम होंगे।’’

नांगिया एंडरसन एलएलपी के कार्यकारी निदेशक योगेश काले ने कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 के तहत दोबारा से आकलन व्यवस्था में 2021 में महत्वपूर्ण बदलाव लाया गया था।

काले ने कहा, ‘‘इससे उच्चतम न्यायालय से लेकर विभिन्न अदालतों में मामले बढ़े। जो बदलाव किये गये थे, उसमें एक यह था कि यदि आय कर मामले में गड़बड़ी 50 लाख रुपये से अधिक होने का संदेह है तो कर अधिकारी 10 साल पुराने मामले में भी दोबारा से आकलन शुरू कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में प्रासंगिक प्रावधानों में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि कोई कर अधिकारी किसी पांच साल से अधिक पुराने मामले में दोबारा से आकलन शुरू नहीं कर सकता है। इस संशोधन से करदाताओं के लिए अनिश्चितता की स्थिति दूर होगी।

बजट में कर न्यायाधिकरणों, उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में प्रत्यक्ष कर, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपील दायर करने के लिए मौद्रिक सीमा को बढ़ाकर क्रमशः 60 लाख रुपये, दो करोड़ रुपये और पांच करोड़ रुपये करने का भी प्रस्ताव किया गया है। वर्तमान सीमा के तहत क्रमशः 50 लाख रुपये, एक करोड़ रुपये और दो करोड़ रुपये की कर मांग शामिल है।

इसके अलावा, सरकार ने अपील में लंबित कुछ आयकर विवादों के समाधान के लिए विवाद से विश्वास योजना- दो लाने का प्रस्ताव किया है।

वर्ष 2020 में घोषित पहली ‘विवाद से विश्वास’ योजना में, 1.13 करोड़ से अधिक मामलों का निपटान किया गया है और कर विभाग को 75,788 करोड़ रुपये के विवादित कर का भुगतान मिला।

सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ करों को सरल बनाने, करदाताओं की सेवाओं में सुधार, कर को भरोसेमंद बनाने और विवादों को कम करने के अपने प्रयास जारी रखेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी कर का 58 प्रतिशत सरलीकृत कर व्यवस्था से आया। इसी तरह, पिछले वित्त वर्ष के अबतक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, दो-तिहाई से अधिक लोगों ने नई व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था का लाभ उठाया है।

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