देश की खबरें | पदोन्नति तभी प्रभावी होगी जब व्यक्ति कार्यभार संभालेगा : उच्चतम न्यायालय

नयी दिल्ली, 27 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को इस बात पर जोर दिया कि पदोन्नति केवल कार्यभार ग्रहण करने के बाद ही प्रभावी होती है, रिक्ति या सिफारिश की तारीख से नहीं।

न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि यह एक सुस्थापित सिद्धांत है कि पदोन्नति उस तिथि से प्रभावी होती है जिस दिन कार्यभार ग्रहण किया जाता है, न कि पद रिक्त होने या सृजन की तिथि से।

पीठ ने कहा, ‘‘हालांकि न्यायालयों ने पदोन्नति के लिए विचार किए जाने के अधिकार को न केवल वैधानिक अधिकार बल्कि मौलिक अधिकार के रूप में भी मान्यता दी है, लेकिन पदोन्नति स्वयं कोई मौलिक अधिकार नहीं है।’’

उच्चतम न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के फरवरी 2023 के फैसले को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार और अन्य द्वारा दायर अपील पर अपना फैसला सुनाया।

उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल प्रशासनिक न्यायाधिकरण के एक आदेश को बरकरार रखा, जिसमें निर्देश दिया गया था कि एक व्यक्ति, जो अपनी सेवानिवृत्ति के बाद पूर्वप्रभावी पदोन्नति का हकदार नहीं है, को 31 दिसंबर, 2016 की उसकी सेवानिवृत्ति तिथि के अनुसार मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी के पदोन्नति पद के लिए वित्तीय लाभ प्रदान किया जाना चाहिए।

उच्चतम न्यायालय ने राज्य की इस दलील पर गौर किया कि कोई भी वित्तीय लाभ उस व्यक्ति के लिए स्वीकार्य नहीं है, जिसने कभी पदोन्नति पद का प्रभार नहीं संभाला।

व्यक्ति की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि वह 24 मार्च, 2008 से प्रमुख वैज्ञानिक अधिकारी के रूप में कार्यरत था और यदि विभाग ने रिक्ति भरने के लिए समय पर प्रस्ताव प्रस्तुत किया होता, तो उसे 2013 में मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी के रूप में पदोन्नत किया जा सकता था।

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