जरुरी जानकारी | विशिष्ट इस्पात उत्पादों के लिए 6,322 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना मंजूर

नयी दिल्ली, 22 जुलाई सरकार ने बृहस्पतिवार को देश में विशेष प्रकार के इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने लिये 6,322 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी।

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया।

उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना के तहत 6,322 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पांच साल की अवधि के दौरान दिया जाएगा और इससे 5.25 लाख रोजगार सृजित होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा तथा आयात में कमी आएगी।’’

इस्पात मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस योजना से करीब 40,000 करोड़ रुपये का निवेश होने और विशेष इस्पात के लिए 2.5 करोड़ टन क्षमता बढ़ने उम्मीद है।

योजना की अवधि पांच साल के लिये 2023-24 से 2027-28 होगी।

पीएलआई योजना के तहत कोटेड/प्लेटेड इस्पात उत्पाद, उच्च क्षमता वाले स्टील, विशेष प्रकार के रेल, अलॉय स्टील उत्पाद और स्टील वॉयर और इलेक्ट्रिकल स्टील आएंगे।

इन इस्पात उत्पादों को उपयोग रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रिक उत्पादों, वाहनों और उसके कल-पुर्जों, तेल एवं गैस परिवहन के लिये पाइप, बॉयलर, रक्षा क्षेत्र में काम आने वाले बैलिस्टिक और आर्मर शीट, हाई-स्पीड रेलवे लाइन, टरबाइन उपकरणों, बिजली ट्रांसफार्मर और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये इलेक्ट्रिकल स्टील में किया जाता है।

मंत्रालय के अनुसार वर्तमान में मूल्य वर्धित स्टील उत्पाद भारत में बड़े पैमाने पर आयात किए जाते हैं।

योजना के तहत पात्र विनिर्माताओं को बढ़े हुए उत्पादन पर 4 से 12 प्रतिशत के बीच प्रोत्साहन दिया जाएगा।

बयान के अनुसार भारत में चिन्हित विशेष इस्पात ग्रेड के निर्माण में लगी पंजीकृत कोई भी कंपनी योजना में भाग लेने के लिए पात्र होगी।

मंत्रालय ने कहा कि विशेष इस्पात के लिए पीएलआई योजना के तहत कंपनियों को यह सुनिश्चित करना है कि विशेष स्टील बनाने में प्रयुक्त मूल इस्पात को देश के भीतर ‘पिघलाया और ढाला’ जाए। इसका मतलब है कि विशेष इस्पात का विनिर्माण करने के लिए प्रयुक्त कच्चा माल भारत में ही बनाया जाएगा। यानी पूर्ण रूप से उत्पाद का विनिर्माण देश में सुनिश्चित हो सकेगा।

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