नयी दिल्ली, छह दिसंबर कांग्रेस ने दिल्ली की तरफ बढ़ रहे किसानों को रोकने के प्रयास की निंदा करते हुए शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तत्काल किसान प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए आमंत्रित करना चाहिए और संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र में ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी का कानून पारित किया जाना चाहिए।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि किसानों दिल्ली आने से रोकने का प्रयास निंदनीय है तथा सरकार को उनकी मांगों को गंभीरता से सुनकर उन पर अमल करना चाहिए।
पंजाब एवं हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर से 101 किसानों के एक जत्थे ने शुक्रवार को दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया, लेकिन उन्हें बहुस्तरीय अवरोध लगाकर रोक दिया गया।
जब कुछ किसान शंभू बॉर्डर पर हरियाणा की ओर लगाए गए अवरोधकों के पास पहुंच गए तो सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘किसान, सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखने और अपनी पीड़ा को व्यक्त करने के लिए दिल्ली आना चाहते हैं। उन पर आंसू गैस के गोले दागना और उन्हें तरह-तरह से रोकने का प्रयास करना निंदनीय है। सरकार को उनकी मांगों और समस्याओं को गंभीरता से सुनना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम किसानों की पीड़ा को समझते हैं और उनकी मांगों का समर्थन करते हैं। एमएसपी की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों के अनुसार खेती की व्यापक लागत का 1.5 गुना एमएसपी, क़र्ज़ माफ़ी समेत तमाम मांगों पर सरकार को तुरंत अमल करना चाहिए।’’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का समर्थन मिलने के बाद किसानों के विरोध प्रदर्शन को जबरदस्त ‘‘बूस्टर डोज’’ मिला है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस किसानों की सभी मांगों का समर्थन करती है।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के पास फिल्म देखने का समय है, लेकिन किसानों से मिलने का समय नहीं है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से संसद में पूछा गया कि एमएसपी की गारंटी का कानून बनाएंगे या नहीं, तो वह सरेआम उसे टाल गए। वहीं, जब उनसे पूछा गया कि किसानों को कर्ज से राहत मिलेगी या नहीं, तो वह इससे भी इनकार कर गए।’’
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि देश के प्रधानमंत्री किसानों को बातचीत के लिए बुलाएं और इसी संसद सत्र में एमससपी की गारंटी का कानून पारित किया जाए।’’
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