नयी दिल्ली, 25 नवंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के संविधान को अंगीकार किए जाने के 75 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी।
पीएमओ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के प्रशासनिक भवन परिसर के सभागार में आयोजित संविधान दिवस समारोह के दौरान वह भारतीय न्यायपालिका (2023-24) की वार्षिक रिपोर्ट जारी करेंगे और इस अवसर पर एक सभा को संबोधित भी करेंगे।
इस कार्यक्रम का आयोजन उच्चतम न्यायालय की ओर से किया गया है। प्रधान न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
संविधान दिवस के समारोह से संबंधित मुख्य समारोह 26 नवंबर को पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष, जिसे अब संविधान सदन कहा जाता है, में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री, संसद सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे।
केंद्रीय कक्ष में होने वाले समारोह के अलावा, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में राज्यपाल व उपराज्यपाल या मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जहां मंत्री, विधायक और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी प्रस्तावना पढ़ सकते हैं।
इन समारोहों का उद्देश्य भारत के संविधान में निहित मूल्यों को दोहराना और नागरिकों को लोकतंत्र को मजबूत करने में अपनी सही भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना है।
साथ ही इसका उद्देश्य संविधान के निर्माण और इसके महत्वपूर्ण प्रावधानों के प्रति किए गए प्रयासों के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
संविधान दिवस के अवसर पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्रीय कार्यालय में भी एक समारोह का आयोजन किया गया है, जिसे पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा संबोधित करेंगे।
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