देश की खबरें | प्रधानमंत्री मोदी ने आस्ट्रेलिया के समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के साथ आभासी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया
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नयी दिल्ली, चार जून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को आस्ट्रेलिया के अपने समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के साथ ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया जिसमें स्वास्थ्य सेवा, कारोबार और रक्षा क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की गई ।

अपने शुरूआती संबोधन में मोदी ने कहा कि उनका मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को और सशक्त करने के लिए यह उपयुक्त समय, उपयुक्त मौक़ा है तथा अपनी दोस्ती को और मज़बूत बनाने के लिए हमारे पास असीम संभावनाएँ हैं ।

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प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ कैसे हमारे संबंध अपने क्षेत्र के लिए और विश्व के लिए एक ‘स्थिरता का कारक’ बनें, कैसे हम मिल कर वैश्विक बेहतरी के लिए कार्य करें, इन सभी पहलुओं पर विचार की आवश्यकता है । ’’

मोदी ने कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने सम्बन्धों को व्यापक तौर पर और तेज़ गति से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह न सिर्फ़ हमारे दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र और विश्व के लिए भी आवश्यक है ।

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उन्होंने कहा, ‘‘ वैश्विक महामारी के इस काल में हमारे समग्र सामरिक गठजोड़ की भूमिका और महत्वपूर्ण रहेगी। विश्व को इस महामारी के आर्थिक और सामाजिक दुष्प्रभावों से जल्दी निकलने के लिए एक समन्वित और एकजुट पहल की आवश्यकता है । ’’

गौरतलब है कि यह पहला मौका है जब मोदी किसी विदेशी नेता के साथ आभासी शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं ।

दोनों देशों के संबंध 2009 में सामरिक गठजोड़ के स्तर पर पहुंचे और कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार मिला है ।

वर्ष 2017 में विदेश नीति पर श्वते पत्र में आस्ट्रेलिया ने भारत को हिन्द महासागर के देशों में महत्वपूर्ण नौवहन शक्ति एवं आस्ट्रेलिया के अग्रिम सहयोगी के रूप में मान्यता दी थी ।

भारत और आस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक संबंध पिछले वर्षो में बढ़े हैं । 2018-19 में दोनों देशों के बीच कारोबार 21 अरब डालर था । दोनों देश कारोबार और निवेश बढ़ाने को लेकर आशान्वित हैं । भारत में आस्ट्र्रेलिया का कुल निवेश 10.74 अरब डालर था और आस्ट्रेलिया में भारत का निवेश 10.45 अरब डालर था । आस्ट्रेलिया के सुपर पेंशन फंड ने भारत में नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रांस्टक्टर फंड में 1 अरब डालर का निवेश किया है । पिछले कुछ वर्षो में भारत और आस्ट्रेलिया ने नौवहन सहयोग बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रीत किया है ।

आस्ट्रेलिया और भरत ने 2015 में पहला द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास किया था । साल 2019 में बंगाल की खाड़ी में तीसरा अभ्यास हुआ था ।

आस्ट्रेलिया सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के रूख का समर्थक रहा है ।

दीपक

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