जरुरी जानकारी | सस्ते आयातितत तेलों से घरेलू तेल तिलहन उद्योग पर दबाव, मांग सुस्त
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. सस्ते तेलों का आयात बढ़ने से घरेलू तेल तिलहन उद्योगों पर भारी दबाव बना हुआ है। दिल्ली तेल तिलहन बाजार में शुक्रवार को मूंगफली तेल एवं तिलहन तथा सोयाबीन तिलहन कीमतों में गिरावट रही। दूसरी ओर ‘ब्लेंडिंग’ के लिए सोयाबीन डीगम की मांग बढ़ने से सोयाबीन तेल तथा मंडी में कम फसल आवक से सरसों दाना (तिलहन) और सरसों तेल कीमतों में सुधार रहा।
नयी दिल्ली, 17 जुलाई सस्ते तेलों का आयात बढ़ने से घरेलू तेल तिलहन उद्योगों पर भारी दबाव बना हुआ है। दिल्ली तेल तिलहन बाजार में शुक्रवार को मूंगफली तेल एवं तिलहन तथा सोयाबीन तिलहन कीमतों में गिरावट रही। दूसरी ओर ‘ब्लेंडिंग’ के लिए सोयाबीन डीगम की मांग बढ़ने से सोयाबीन तेल तथा मंडी में कम फसल आवक से सरसों दाना (तिलहन) और सरसों तेल कीमतों में सुधार रहा।
बाजार सूत्रों के मुताबिक बृहस्पतिवार को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने देश के किसानों से दलहन की तर्ज पर तिलहन उत्पादन के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता कायम करने की अपील की। इससे स्थानीय मांग बढने पर सरसों तिलहन के साथ साथ सरसों तेल दादरी, पक्की और कच्ची घानी तेल कीमतों में भी सुधार हुआ।
सूत्रों ने कहा कि किसानों और सहकारी संस्था नाफेड के पास मूंगफली और सरसों का काफी मात्रा में स्टॉक बचा हुआ है। सस्ते तेलों का आयात बढ़ने की वजह से ये स्टॉक बाजार में खप नहीं पा रहा है। इसके अलावा अगले एक महीने बाद मूंगफली और सोयाबीन की बम्पर फसल भी आने वाली है। ऐसे में सस्ते आयात के सामने इन फसलों की खपत कहां होगी। इस चिंता को देखते हुए किसान अपनी फसल को लागत से लगभग 5-10 प्रतिशत नीचे, औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं।
सरकार को इस बात पर भी गौर करना चाहिये खाद्य तेलों के आयात शुल्क मूल्य को बाजार मूल्य के अनुरूप और स्थानीय किसानों के हित में तय करने के बजाय मनमाने ढंग से किस प्रकार तय किया जाता है। सरकार को इस पर गौर करना होगा कि आयातित तेलों के मुकाबले स्थानीय तेल कीमतें प्रतिस्पर्धा में ठहर सकें। इससे देश की बहुमूल्य विदेशीमुद्रा की बचत होगी। घरेलू तेल उद्योग इस समय मात्र 20 प्रतिशत क्षमता का ही उपयोग कर पा रहा है। खाद्य तेलों के आयात ने उनका कामकाम सुस्त कर दिया है।
शुक्रवार को बंद भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन - 4,665- 4,715 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।
मूंगफली दाना - 4,740 - 4,790 रुपये।
वनस्पति घी- 965 - 1,070 रुपये प्रति टिन।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 12,480 रुपये।
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,875 - 1,925 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 9,700 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,540 - 1,680 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,640 - 1,760 रुपये प्रति टिन।
तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपये।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,050 रुपये।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 8,900 रुपये।
सोयाबीन तेल डीगम- 7,950 रुपये।
सीपीओ एक्स-कांडला- 7,050 रुपये।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 7,800 रुपये।
पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 8,530 रुपये।
पामोलीन कांडला- 7,820 रुपये (बिना जीएसटी के)।
सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 3,675- 3,700 लूज में 3,410--3,475 रुपये।
मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये
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