देश की खबरें | राष्ट्रपति ने पढ़ी ‘सरकार की पटकथा’, आज है ‘अघोषित आपातकाल’ : विपक्ष

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. विपक्षी नेताओं ने बृहस्पतिवार को संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिए गए अभिभाषण को ‘‘सरकार द्वारा दी गई और झूठ पर आधारित पटकथा’ करार दिया और कहा कि सरकार को 1975 के आपातकाल के बजाय आज के ‘अघोषित आपातकाल’ पर जवाब देना चाहिए।

नयी दिल्ली, 27 जून विपक्षी नेताओं ने बृहस्पतिवार को संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिए गए अभिभाषण को ‘‘सरकार द्वारा दी गई और झूठ पर आधारित पटकथा’ करार दिया और कहा कि सरकार को 1975 के आपातकाल के बजाय आज के ‘अघोषित आपातकाल’ पर जवाब देना चाहिए।

उन्होंने यह दावा भी किया कि मोदी सरकार में लोकतंत्र एवं संविधान पर हमला किया जा रहा है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने बृहस्पतिवार को अपने अभिभाषण में 1975 में लागू आपातकाल का उल्लेख किया और इसे ‘संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा एवं काला अध्याय’ करार देते हुए कहा कि ऐसे अनेक हमलों के बावजूद देश ने असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त करके दिखाई।

राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति के, ‘‘मोदी सरकार लिखित’’ अभिभाषण को सुनकर ऐसा लगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव के जनादेश को नकारने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति से ‘झूठ बुलवाकर’ अपनी वाहवाही करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि देश की जनता उन्हें नकार चुकी है।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारत के दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के सरकार के दावे पर निशाना साधा।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत के पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की कहानी बताई जा रही है... क्या उसने हमारे किसानों को समृद्ध बनाया है? अगर हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, तो इतने सारे युवा बेरोजगार क्यों हैं? अग्निवीर जैसी योजना क्यों है? महंगाई पर नियंत्रण क्यों नहीं किया जा सकता?”

मुर्मू द्वारा आपातकाल का जिक्र किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने आपातकाल के दौरान जेल में बंद लोगों के लिए क्या किया? सपा ने उन्हें सम्मान और पेंशन दी।’’

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि राष्ट्रपति ने ‘‘सरकार द्वारा दी गई पटकथा’ पढ़ी और भाजपा को अभी तक यह एहसास नहीं हुआ है कि उसके पास अपने दम पर बहुमत नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की समस्या यह है कि वे अभी तक यह नहीं समझ पा रहे हैं कि वे 303 से 240 पर आ गए हैं। उन्होंने 303 के बहुमत के आधार पर भाषण तैयार किया।’’

उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उन्होंने पिछले साल के भाषण से कुछ अंश लिए हों।

राष्ट्रपति द्वारा आपातकाल की बात करने पर भाकपा (माले) लिबरेशन के सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा, ‘‘वह घोषित आपातकाल था और आज का आपातकाल घोषित नहीं किया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने कल भी आपातकाल का जिक्र किया था। यह सही नहीं है। वे आपातकाल का जिक्र कर रहे हैं लेकिन हम इस समय एक महा-आपातकाल का सामना कर रहे हैं। संविधान पर हमला किया जा रहा है, लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की जा रही है और लोगों को चुप कराया जा रहा है।’’

कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण में कुछ भी नया नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘पुराने भाषणों में बस कुछ बदलाव किए गए हैं। आज संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं था।’’

अनवर ने कहा, ‘‘आपातकाल के बाद से कई चुनाव हुए हैं जिनमें भाजपा हार गई। उनके पास कहने के लिए कुछ नया नहीं है।’’

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