नयी दिल्ली, 6 सितंबर : दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी की कथित आत्महत्या की प्रारंभिक जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट किसी भी गड़बड़ी का संकेत नहीं देती है. सीबीआई के लोधी रोड कार्यालय में उप-कानूनी सलाहकार के रूप में पदस्थ जितेंद्र कुमार (48) एक सितंबर को एस-22, टाइप-4 हुडको प्लेस स्थित अपने आवास में फंदे से लटके पाये गये थे. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि सीबीआई के अधिकारी ने इसलिए ‘‘आत्महत्या’’ की क्योंकि उन पर उन्हें आबकारी के ‘‘झूठे’’ मामले में फंसाने के लिए दबाव बनाया जा रहा था. उन्होंने इस घटना की ‘‘स्वतंत्र न्यायिक’’ जांच कराए जाने की मांग की. वहीं जांच एजेंसी ने सिसोदिया के इन आरोपों को ‘‘भ्रामक’’ बताकर खारिज कर दिया.
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) पर हमला तेज करते हुए सोमवार को एक ‘स्टिंग ऑपरेशन’ का वीडियो जारी किया, जिसमें शराब घोटाले के एक आरोपी के पिता को कथित तौर पर यह दावा करते सुना जा सकता है कि उन्होंने दिल्ली में शराब का लाइसेंस पाने के लिए ‘कमीशन’ दिया था. हालांकि, सिसोदिया ने वीडियो को ‘‘मजाक’’ करार दिया. पुलिस ने बताया कि कुमार हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के रहने वाले थे. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनके घर से बरामद सुसाइड नोट में कुमार ने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है. यह भी पढ़ें : उद्योगपति साइरस मिस्त्री की मौत के बाद सड़क सुरक्षा का मुद्दा सुर्खियों में
उन्होंने कहा, ''अधिकारी ने अपने सुसाइड नोट में कहा था कि वह मानसिक तनाव से गुजर रहे थे. हालांकि, उन्होंने किसी के नाम या किसी विशेष कारण का उल्लेख नहीं किया. सिर्फ इतना कहा कि मैं किसी को दोष नहीं देता.'' पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) बेनिता मैरी जयकर ने भी कहा था कि कुमार के आवास से बरामद सुसाइड नोट में उनकी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी किसी तरह की गड़बड़ी का संकेत नहीं मिला है.