मुंबई, 21 सितंबर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने शनिवार को दावा किया कि मुंबई विश्वविद्यालय (एमयू) के सीनेट चुनाव को अंतिम समय में स्थगित करना न्यायालय का ‘‘अपमान’’ है, जिससे विश्वविद्यालय की छवि भी प्रभावित हुई है।
शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार ने 22 सितंबर के लिए निर्धारित विश्वविद्यालय सीनेट चुनाव को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया।
ठाकरे ने कहा कि यदि विधानसभा चुनाव के बाद महाविकास आघाडी (एमवीए) सत्ता में लौटती है, तो वह दो मौकों पर एमयू स्नातक सीनेट चुनाव की अनुमति नहीं देने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति की भूमिका की जांच करेगी।
आदित्य ठाकरे ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘‘मुंबई विश्वविद्यालय एक स्वायत्त संस्थान है, सरकार इसमें कैसे हस्तक्षेप कर सकती है। जब एमवीए सत्ता में वापस आएगी, तो हमारी सरकार कुलपति की भूमिका की जांच करेगी क्योंकि उन्होंने दो बार चुनाव रोके हैं।’’
मुंबई विश्वविद्यालय के सीनेट चुनाव टालने के लिए शिवसेना नीत सरकार पर कटाक्ष करते हुए ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री को डर है कि युवा सेना (शिवसेना (यूबीटी) की युवा शाखा) ये चुनाव जीत सकती है।
सीनेट निकाय के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि सीनेट सदस्य शिक्षकों और छात्रों से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए काम करते हैं।
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