ईस्टर पर पोप ने कोरोना वायरस से पीड़ितों के लिये प्रार्थना की

दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण से 109,000 लोगों की मौत हो चुकी है।

खाली पड़े वेटिकन में इस अवसर पर महज कुछ पादरी नजर आये।

दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण से 109,000 लोगों की मौत हो चुकी है।

पोप ने एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के दौरान विश्व के नेताओं से अपने राजनीतिक मतभेदों को दूर रख देने और महामारी के मद्देनजर वैश्विक संघर्ष विराम की अपील करते हुए विभिन्न देशों से अपनी सेनाएं वापस बुला लेने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह आपस में बंटे रहने का वक्त नहीं है।’’ उन्होंने इस अवसर पर संक्रमित लोगों के लिये प्रार्थना करने और इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने में यूरोपीय राष्ट्रों से एकजुटता प्रदर्शित करने का अनुरोध किया।

पोप ने ईस्टर के अवसर पर अपने संदेश में कहा, ‘‘प्रभु ईसा मसीह उन सभी को सदबुद्धि दे कि दुनिया के सभी कोनों में फौरन वैश्विक संघर्ष विराम की अपील में सहयोग करने का उनके पास साहस है।’’

फ्रांसिस ने कहा कि यह वक्त यूरोप के लिये एक बार फिर खड़े होने का है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दिखाई गई एकजुटता की भावना फिर से प्रदर्शित करने की जरूरत है।

पोप ने महामारी का सामना कर रहे गरीब देशों का कर्ज माफ कर देने या उनमें कमी करने की भी अपील की। उन्होंने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के लिये इस अवसर पर प्रार्थना करने का भी अनुरोध किया।

उन्होंने सेंट पीटर के बैसीलिका (खुले प्रांगण) से कहा, ‘‘सभी राष्ट्र यदि गरीब देशों के कर्ज माफ नहीं कर सकते हैं तो कम से कम उनके कर्ज के बोझ में कमी करने की स्थिति में तो जरूर होंगे।’’

लंदन से प्राप्त पीटीआई की खबर के मुताबिक ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने विंडसर कासल से ईस्टर संदेश जारी कर कहा कि प्रभु ईसा मसीह के फिर से जीवित हो उठने के अवसर पर मनाया जाने वाला यह त्योहार विश्व को यह प्रेरणा देता है कि हम कोरोना वायरस महामारी से उबर जाएंगे।

इस तरह के प्रथम संदेश में चर्च ऑफ इंग्लैंड की प्रमुख एवं 93 वर्षीय महारानी ने कहा, ‘‘यह अवसर अंधेरे और मौत से उबरने में नयी उम्मीद और नये उद्देश्य के साथ ‘प्रकाश और जीवन’ का प्रतीक है।

हालांकि, विश्व भर में सड़कों पर पुलिस की बैरीकेड और बंद गिरिजाघरों ने लोगों को ईस्टर का आयोजन ऑनलाइन या टीवी पर देखने को मजबूर किया।

वेटिकन से अपने संदेश में लॉकडाउन के आदेशों के बीच मानवता के प्रति सभी लोगों से एकजुटता प्रदर्शित करने का अनुरोध किया।

विश्व के विभिन्न हिस्सों में स्थित गिरिजाघरों में ही यही दृश्य दिखा, जो

ईस्टर का त्योहार होने के बावजूद या तो बंद या फिर सूने नजर आये। हालांकि, कुछ चर्च खुले दिखें लेकिन वहां लोगों को आपस में दूरी बनाये हुए देखा गया।

दक्षिण कोरिया में ईस्टर का कार्यक्रम व्यापक रूप से ऑनलाइन रहा। हालांकि, देश के सबसे बड़े चर्च, सोल के योइदो फुल गास्पेल गिरिजाघर में मास्क पहने कुछ लोगों ने प्रार्थना की।

यरूशलम के होली सेपुलचरे के आर्चबिशप पीटरबतीस्ता पीजबल्ला ने लोगों से निराश नहीं होने को कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘मौत और डर के साये के बावजूद हम दुनिया में हर जगह देख रहे हैं, हमें अन्य लोगों के लिये अपना बलिदान देने वाले लोगों की अच्छाइयों को देखना होगा।’’

आर्चबिशप ने कहा, ‘‘ईस्टर का यह संदेश है कि हर चीज के बावजूद जीवन बरकरार रहेगा।’’

चर्च ऑफ इंग्लैंड ने अपने गिरिजाघरों को बंद कर रखा है, जिस वजह से सेंटरबरी के एंग्लिकन आर्चबिशप जस्टिन वेल्बी को ईस्टर संडे की प्रार्थना लंदन स्थित अपने आवास से करनी पड़ी।

दुनिया भर में 8.5 करोड़ एंग्लिकन के आध्यात्मिक गुरु वेल्बी ने एक अस्थायी वेदिका से अपना संदेश दिया।

न्यूजीलैंड में कैथोलिक बिशप ने समुदाय के लोगों को एक विशेष पत्र लिख कर इस ईस्टर पर मौजूद तनाव और अनिश्चितता को स्वीकार किया।

अरब जगत में ईसाइयों की सर्वाधिक आबादी वाले स्थान लेबनान में कार्डिनल बेशरा राय ने लोगों से लॉकडाउन का पालन करने का अनुरोध किया।

आर्थोडोक्स ईसाइयों ने इस रविवार पवित्र सप्ताह के शुरू होने की खुशी मनाई । दुनिया के सबसे पुराने ईसाई समुदाय के कोप्टिक आर्थोडोक्स चर्च ने इस महीने की शुरूआत में यह फैसला लिया था कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिये इस बार गिरिजाघरों में ईस्टर की प्रार्थना स्थगित कर दी।

एएफपी

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