कानपुर (उप्र), 19 सितंबर समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कानपुर के उस कारोबारी के परिजन से सोमवार को मुलाकात की, जिनकी हाल में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। यादव ने इस घटना के लिए पुलिस तथा प्रदेश की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
अखिलेख यादव ने सरकार से पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता तथा मारे गए कारोबारी बलवंत सिंह की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग की। उन्होंने सरकार से इस मामले की सीबीआई अथवा किसी सेवारत न्यायाधीश की निगरानी में जांच कराने की मांग भी की।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘जिस पुलिस पर हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी है उसी ने अपनी हिरासत में एक कारोबारी की हत्या कर दी।’’
उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘पुलिस को इतनी छूट किसने दी है, यह सभी जानते हैं।’’
सपा अध्यक्ष ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा, ‘‘भाजपा उत्तर प्रदेश में पुलिस राज स्थापित करना चाहती है। यही वजह है कि पुलिस ने अपनी सारी सीमाएं पार कर दी हैं। उत्तर प्रदेश हिरासत में मौतों के मामले में देश में पहले स्थान पर है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हाल के समय में गोरखपुर, गोंडा, बहराइच, कन्नौज और झांसी में पुलिस का क्रूर चेहरा सामने आया है और लोगों का पुलिस पर से विश्वास उठ गया है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘बलवंत सिंह को पुलिस हिरासत में तीन घंटे से भी ज्यादा समय तक प्रताड़ित किया गया और जिन लोगों ने भी उनका शव या उनकी तस्वीरें देखी हैं उन्होंने यह जरूर महसूस किया कि बलवंत सिंह ने कितनी पीड़ा सहन की होगी।’’
सपा नेता ने कहा, ‘‘सिंह की मौत के बावजूद पुलिस ने डॉक्टरों पर उनका इलाज करने के लिए दबाव बनाया और कार्रवाई से बचने के लिए शव को कहीं फेंक देने का प्रयास किया।’’
इससे पहले, अखिलेश यादव का काफिला कारोबारी बलवंत सिंह के गांव सरैया लालपुर पहुंचा। उन्होंने सिंह की पत्नी शालिनी, उनके पिता और बहन से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की और कहा कि सपा पीड़ित परिवार को जल्द ही आर्थिक सहायता देगी।
गौरतलब है कि कारोबारी बलवंत सिंह की पत्नी शालिनी ने अखिलेश यादव को पत्र लिखकर मदद और न्याय की गुहार लगाई थी।
बलवंत सिंह के गांव में करीब आधा घंटा गुजारने के बाद सपा अध्यक्ष कानपुर नगर जेल रवाना हुए और वहां बंद पार्टी विधायक इरफान सोलंकी से मुलाकात की। सोलंकी को पिछली दो दिसंबर को आगजनी, जमीन पर अवैध कब्जे तथा कुछ अन्य मामलों में जेल भेजा गया था।
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