(फाइल फोटो के साथ जारी)
इस्लामाबाद, 15 मई हाल के कुछ फैसलों को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पूर्ण राहत प्रदान करने वाला करार देते हुए और इन फैसलों के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय के सामने सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रदर्शन में शिरकत करते हुए पीएमएल -एन की प्रमुख संगठनकर्ता मरियम नवाज ने सोमवार को पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बांदियाल के इस्तीफे की मांग की तथा उन पर देश में ‘‘अराजकता’’ एवं ‘‘संकट’’ पैदा करने का आरोप लगाया।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख नवाज शरीफ की बेटी मरियम ने उच्चतम न्यायालय पर पाकिस्तान में ‘‘न्यायिक मार्शल लॉ’’ लगाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि ‘‘जब तक उमर अता बांदियाल देश के प्रधान न्यायाधीश हैं तब तक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है’’ और ‘‘आपके (बांदियाल) हटने के बाद’’ ही अपने निर्धारित समय पर चुनाव कराये जायेंगे।
पाकिस्तान डेमाक्रेटिक मूवमेंट के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान और बहुदलीय पार्टी गठबंधन के अन्य नेताओं के साथ इस प्रदर्शन में हिस्सा लेते हुए मरियम (49) ने कहा, ‘‘ आप सभी को पता होना चाहिए कि आज देश में जो अराजकता एवं संकट है उसका जन्मस्थल जमान पार्क नहीं, बल्कि उमर अता बांदियाल का पद है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आज, जब सेना पाकिस्तान के लोकतंत्र और संविधान के साथ खड़ी है..... तो पाकिस्तान में पांचवां मार्शल लॉ......न्यायिक मार्शल लॉ इस भवन से लगाया गया है।’’
उनका इशारा शीर्ष अदालत के कुछ फैसलों की ओर था।
मरियम ने आरोप लगाया कि जो ‘‘आतंकवादी या पाकिस्तान के दुश्मन नहीं कर पाये’’ उसे तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘ खान और उनकी पत्नी ने सरकारी पैसा चुराया और इसी पैसे से भूखंड खरीदे।’’ उन्होंने कहा कि खान ने अपने ‘चापलूसों’ को ‘‘सिखाया-पढ़ाया’’ तथा जिन्ना हाउस को फूंक दिया।
मरियम ने कहा कि इस भवन में बैठे लोग इंसाफ की हत्या कर रहे हैं। उन्होंने प्रधान न्यायाधीश से सवाल किया, ‘‘क्या आप उच्चतम न्यायालय के बाहर जनसैलाब देखकर खुश हैं?’’
मरियम नवाज शरीफ और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान सत्तारूढ़ गठबंधन के इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
इससे पहले दिन में, पीएमएल-एन, जेयूआई-एफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों समेत अनेक प्रदर्शनकारी देश की राजधानी में धारा 144 लागू होने के बावजूद ‘रेड जोन’ (वर्जित क्षेत्र) में घुस गए और उन्होंने उच्चतम न्यायालय के सामने एक मंच बनाया।
देश के 13 राजनीतिक दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के प्रमुख फजलुर रहमान ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि उनका संगठन पूर्व प्रधानमंत्री खान के प्रति कथित न्यायिक समर्थन को लेकर पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बांदियाल के खिलाफ सोमवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रदर्शन करेगा।
ऐसा माना जा रहा था कि प्रदर्शनकारी प्रतीकात्मक प्रदर्शन करने के बाद परिसर से चले जाएंगे, लेकिन जेयूआई-एफ ने इस प्रदर्शन को ‘‘धरने’’ में बदल दिया।
जेयूआई-एफ ने ट्वीट किया, ‘‘प्रबंधन समिति ने इस्लामाबाद में उच्चतम न्यायालय परिसर के बाहर धरने के लिए व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया है। प्रबंधन समिति ने विरोध प्रदर्शन को धरने में बदलने की व्यवस्था शुरू कर दी है।’’
पार्टी ने कहा था कि वह कार्यक्रम स्थल पर तम्बू लगाएगी और शौचालय भी बनाएगी। प्रदर्शनकारियों ने खान की रिहाई का आदेश देने को लेकर प्रधान न्यायाधीश के इस्तीफे की मांग की और उनके खिलाफ नारेबाजी की।
विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भी इस प्रदर्शन में शामिल होने वाले थे, लेकिन पीपीपी के वरिष्ठ सदस्यों ने उन्हें ऐसा नहीं करने की सलाह दी। हालांकि पीपीपी नेता निसार खोरो मंच पर पीडीएम नेतृत्व के साथ खड़ी नजर आयीं।
जिला प्रशासन के अनुसार, प्रदर्शनकारी ‘रेड जोन’ में घुस गए और उन्होंने पुलिस एवं प्रशासन को पीछे धकेल दिया।
‘डॉन न्यूज’ ने बताया कि ‘रेड जोन’ की ओर जाने वाले सभी मार्गों को वाहनों के लिए बंद कर दिया है।
इस बीच, इमरान खान (70) ने कहा कि एक ओर सुरक्षा एजेंसी की मदद से पीडीएम के ‘‘गुंडे’’ उच्चतम न्यायालय पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं और संविधान को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जबकि दूसरी ओर सरकार कम से कम 7,000 लोगों को गिरफ्तार करके और दर्जनों निहत्थे प्रदर्शनकारियों की हत्या करके पीटीआई के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।’’
उन्होंने देश के सभी नागरिकों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए तैयार रहने की अपील की।
प्रदर्शनस्थल को लेकर जेयूआई-एफ और प्राधिकारियों के बीच वार्ता विफल रही, जिसके बाद पार्टी ने न्यायालय परिसर के बाहर प्रदर्शन करने का संकल्प लिया।
पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने खान की जमानत शुक्रवार को मंजूर कर ली थी। खान (70) को मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से गिरफ्तार किया गया था और जवाबदेही अदालत ने उन्हें अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में आठ दिन के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की हिरासत में भेज दिया था।
खान ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय के बाहर किए जा रहे जेयूआई-एफ के ‘‘नाटक’’ का एकमात्र उद्देश्य पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश को डराना है, ताकि वह संविधान के अनुसार फैसला न करें।
खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में मंगलवार को हिंसक प्रदर्शन शुरू हुए थे, जो शुक्रवार तक जारी रहे। इन प्रदर्शनों में कई लोगों की मौत हो गई और दर्जनों सैन्य एवं सरकारी संस्थानों के परिसरों को नुकसान पहुंचा।
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