Pilibhit Fake Encounter: अदालत ने 43 पुलिसकर्मियों की उम्रकैद को सात साल के सश्रम कारावास में बदला

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 1991 पीलीभीत फर्जी मुठभेड़ मामले में 43 पुलिसकर्मियों को सुनायी गई उम्रकैद की सजा को सात साल के सश्रम कारावास में बदल दिया है. इस फर्जी मुठभेड़ में 10 सिखों को आतंकवादी बताकर उनकी हत्या कर दी गई थी.

प्रतीकात्मक (Photo Credit: Pixabay)

लखनऊ, 16 दिसंबर : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 1991 पीलीभीत फर्जी मुठभेड़ मामले में 43 पुलिसकर्मियों को सुनायी गई उम्रकैद की सजा को सात साल के सश्रम कारावास में बदल दिया है. इस फर्जी मुठभेड़ में 10 सिखों को आतंकवादी बताकर उनकी हत्या कर दी गई थी.

उच्च न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा पुलिसकर्मियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत सुनाई गई सजा को दरकिनार करते हुए कहा कि मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 303 के अपवाद 3 के तहत आता है तो गैर इरादतन हत्या का मामला बनता है यदि अपराधी लोक सेवक होने या लोक सेवक की सहायता करने के कारण किसी ऐसे कार्य द्वारा मृत्यु कारित करता है जिसे वह विधिसम्मत समझता है. यह भी पढ़ें : देश की खबरें | गाजियाबाद में रुपये को लेकर किराएदार की हत्या, शव के टुकड़े-टुकड़े किए

उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने निर्देश दिया कि दोषी अपनी जेल की सजा काटेंगे और प्रत्येक पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

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