जरुरी जानकारी | पेट्रोलियम ईंधन की बिक्री कोविड-पूर्व स्तर पर पहुंची
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. देश की प्रमुख तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने मंगलवार को कहा कि भारत में ईंधन मांग कोविड पूर्व स्तर पर पहुंच गयी है और अर्थव्यवस्था में आ रही तेजी से इसमें निकट भविष्य में खपत में वृद्धि की उम्मीद है।
नयी दिल्ली, 16 मार्च देश की प्रमुख तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने मंगलवार को कहा कि भारत में ईंधन मांग कोविड पूर्व स्तर पर पहुंच गयी है और अर्थव्यवस्था में आ रही तेजी से इसमें निकट भविष्य में खपत में वृद्धि की उम्मीद है।
कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से पिछले साल अप्रैल में ईंधन की बिक्री 45.8 प्रतिशत घट गयी थी। ‘लॉकडाउन’ पाबंदियों में ढील के साथ मांग पटरी पर आनी शुरू हुई। पहले पेट्रोल और अब डीजल की मांग में वृद्धि कोविड-पूर्व स्तर पर आ गयी है।
वैद्य ने कहा, ‘‘एटीएफ (विमान ईंधन) को छोड़कर ईंधन की मांग सामान्य स्तर पर आ गयी है...हम पटरी पर आ गये हैं।’’
जहां पेट्रोल की बिक्री कुछ महीने पहले कोविड-पूर्व स्तर पर आ गयी वहीं डीजल में मार्च के पहले पखवाड़े में सालाना आधार पर 7.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
रसोई गैस (एलपीजी) की बिक्री में ‘लॉकडाउन’ के दौरान भी वृद्धि दर्ज की गयी।
चूंकि एयरलाइन सभी उड़ानों का परिचलन नहीं कर रही है, अत: एटीएफ की बिक्री सामान्य से नीचे बनी हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘एटीएफ की बिक्री सामान्य स्तर पर आने में तीन-चार महीने का समय लग सकता है।’’
आईओसी चेयरमैन ने कहा कि अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे वृद्धि लौटाने के साथ कंपनी ईंधन मांग में तेजी को लेकर आशान्वित है।
उन्होंने कहा, ‘‘टीकाकरण के साथ हम बेहतर की उम्मीद कर रहे हैं।’’
डीजल की बिक्री मार्च के पहले पखवाड़े में बढ़कर 28.4 लाख टन जबकि पेट्रोल की मांग 5.3 प्रतिशत बढ़कर 10.5 लाख टन पहुंच गयी।
अक्टूबर के बाद सालान आधार पर पेट्रोल पर पहली बार वृद्धि दर्ज की गयी है। एटीएफ की बिक्री मार्च के पहले पखवाड़े में सालाना आधार पर 36.5 प्रतिशत कम रही। ‘लॉकडाउन’ के बाद इसमें 80 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
दो तिमाही में गिरावट के बाद भारत की अर्थव्यवस्था में 2020-21 की तीसरी तिमाही में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी। वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।
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