
नयी दिल्ली, 13 मार्च राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील आंबेकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि हाल ही में संपन्न महाकुंभ ने यह संदेश दिया है कि इसमें अभी देश के लोगों को एकजुट करने के सदियों पुराने “सूत्र” के रूप में काम करने की क्षमता है और इस कारण लोगों को ऐसी परंपराओं के प्रति उचित सम्मान दिखाना चाहिए।
यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि होली जैसी परंपराओं और त्योहारों का लक्ष्य लोगों को एक-दूसरे के करीब लाना तथा एक साथ मिलकर सही रास्ते पर लाना है।
उत्तर प्रदेश में 26 फरवरी को संपन्न हुए 45 दिवसीय महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक तीर्थयात्री और पर्यटक त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज पहुंचे।
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख आंबेकर ने कहा, “कुंभ ने एक बहुत अच्छा संदेश दिया है कि चाहे कितनी भी चुनौतियां क्यों न आ जाएं, पूरे भारत को एक करने का हमारा पुराना सूत्र या हमारे कुछ ऐसे आयोजन कितनी ताकत रखते हैं। चाहे कुछ भी हो जाए, हमारी पुरानी परंपराएं पूरे भारत को एकजुट करने की क्षमता रखती हैं जिससे वह सभी मतभेदों से ऊपर उठ सके।”
संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, “किसी भी विषय पर चर्चा की जा सकती है और हम हर विषय की समीक्षा कर सकते हैं, लेकिन हम सभी यह सुनिश्चित करने का ध्यान रखते हैं कि इसकी (परंपराओं की) प्रतिष्ठा और सुंदरता बरकरार रहे।”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि पत्रकारों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे जो भी समीक्षा या रिपोर्ट करें... यह बुनियादी बात है और सभी को इसका संदर्भ ध्यान में रखना चाहिए।”
आंबेकर ने कहा कि भारत एक विविधतापूर्ण देश है, जिसमें अलग-अलग रंग हैं और संघ का प्रयास सभी को साथ लेकर आगे बढ़ना है।
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