देश की खबरें | उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन

पिथौरागढ़ (उत्तराखंड), 16 जून उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में कई युवाओं ने 'अग्निपथ' योजना के विरोध में बृहस्पतिवार को शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से सेना में भर्ती के लिए शुरू की गयी यह योजना कई युवाओं को पूर्णकालिक नौकरी से वंचित करेगी।

विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले बिसबाजेर गांव के मनीष चंद नामक युवक ने कहा, ‘‘मोदी सरकार पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं के लिए उपलब्ध रोजगार के एकमात्र अवसर को ही छीन रही है। सेना में शामिल होने के अलावा, पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं के पास पूर्णकालिक रोजगार का कोई अन्य अवसर उपलब्ध नहीं था क्योंकि कृषि अब एक व्यवहारिक विकल्प नहीं है और न यहां उद्योग हैं।“

पिथौरागढ़ के उपजिलाधिकारी सुंदर सिंह ने कहा कि सिलथम चौक पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया, लेकिन इससे वड्डा, मुनस्यारी, धारचूला मार्गों पर कुछ देर के लिए जाम लग गया।

हालांकि, यातायात कुछ देर के लिए बाधित हुआ था क्योंकि प्रदर्शनकारी युवक ज्ञापन देने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय के लिए रवाना हो गए थे।

प्रदर्शन कर रहे युवकों ने मांग की कि सरकार पहले दो साल से लंबित सेना भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित करवाए।

उन्होंने अग्निपथ योजना को रद्द करने की भी मांग की।

ऋषेंद्र सिंह महार नामक एक छात्र नेता ने कहा, ‘‘भर्ती किए गए युवाओं में से पचहत्तर प्रतिशत चार साल बाद बेरोजगार हो जाएंगे। इससे पहाड़ी क्षेत्रों में बेरोजगारी कई गुना बढ़ जाएगी। इससे यहां अपराध दर भी बढ़ सकती है और शांति भंग हो सकती है।’’

इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र चम्पावत में भी अग्निपथ योजना के विरोध में युवाओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी युवाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट आउट के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के झंडे उखाड़ कर जला डाले।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को थल सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नयी योजना ‘अग्निपथ’ का ऐलान किया। इसके तहत, बढ़ते वेतन और पेंशन खर्च को कम करने के लिए संविदा के आधार पर अल्पकाल के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी, जिन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा।

इस योजना के तहत, सेना में इस वर्ष लगभग 40,000 सैनिकों की भर्ती होने की संभावना है, नौसेना में लगभग 3,000 नाविकों के शामिल होने की उम्मीद है और वायुसेना इस वर्ष 3,000 वायुसैनिकों की भर्ती करने के लिए तैयार है।

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