Pakistan Cricket: फ्रेंचाइजियों के लिए केंद्रीय पूल में बड़ी हिस्सेदारी से पीसीबी को पीएसएल से हो रहा है नुकसान- रिपोर्ट

पाकिस्तान के महालेखा परीक्षक के कार्यालय की एक ऑडिट रिपोर्ट से पता चला है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को छह फ्रेंचाइजी से वित्तीय साझेदारी मॉडल और अन्य विसंगतियों के कारण पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) से करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

पाकिस्तान सुपर लीग (Photo Credit: @thePSLt20/twitter)

कराची, 24 दिसंबर: पाकिस्तान के महालेखा परीक्षक के कार्यालय की एक ऑडिट रिपोर्ट से पता चला है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को छह फ्रेंचाइजी से वित्तीय साझेदारी मॉडल और अन्य विसंगतियों के कारण पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) से करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. यह भी पढ़ें: Pakistan सरकार ने PCB को PSL और अंतरराष्ट्रीय मीडिया अधिकार बेचने से रोका, जानें क्या है मामला

पाकिस्तानी मीडिया में आई ऑडिट रिपोर्ट के विवरण से संकेत मिलता है कि पीसीबी ने यह धारणा बनाने की पूरी कोशिश की कि एक वित्तीय ब्रांड के रूप में पीएसएल के साथ सब कुछ ठीक है. महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में वित्तीय मॉडल और पीएसएल से जुड़े मामलों पर चिंता व्यक्त की गई है और इन मामलों की गहन जांच की भी सिफारिश की गई है.

ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि आम धारणा के विपरीत लीग के वित्तीय मॉडल के साथ छेड़छाड़ के बाद बोर्ड को पीएसएल से घाटा हो रहा है. यह घाटा पीएसएल के राजस्व के केंद्रीय पूल से जुड़ी लाभ साझा करने की व्यवस्था में बदलाव के कारण हुआ है.

गौरतलब है कि पीसीबी और फ्रेंचाइजियों के बीच 10 साल के समझौते के तहत कोई भी संशोधन 2025 में 10 साल पूरे होने के बाद ही किया जा सकता है. महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में कहा गया है कि पीसीबी को लीग के पांचवें संस्करण से नुकसान उठाना पड़ा जहां मीडिया अधिकारों में फ्रेंचाइजी की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत तक बढ़ गई जिससे बोर्ड का हिस्सा केवल 20 प्रतिशत रह गया.

इसी तरह प्रायोजन अधिकारों को विभाजित किया गया जिसमें 40 प्रतिशत हिस्सा फ्रेंचाइजी को और 60 प्रतिशत बोर्ड को दिया गया। यहां तक कि टिकटों की बिक्री में भी 90 प्रतिशत हिस्सा फ्रेंचाइजी को दिया गया और केवल 10 प्रतिशत पीसीबी के हिस्से में आया.

रिपोर्ट के अनुसार इसके परिणामस्वरूप पीसीबी को 81 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. पीएसएल के छठे टूर्नामेंट में यह वित्तीय नुकसान बढ़कर 82 करोड़ 70 लाख रुपये हो गया. लाभ साझेदारी इसी तरह से फ्रेंचाइजियों के पक्ष में होने पर ऑडिट रिपोर्ट में सातवें से 12वें टूर्नामेंट तक बोर्ड को एक हजार 75 करोड़ 10 लाख रुपये के संभावित नुकसान का अनुमान लगाया गया है.

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