नयी दिल्ली, 23 सितंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र से कहा कि वह 16 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर की गई दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या के मामले संबंधी कार्यक्रम प्रसारित करने को लेकर एक मीडिया हाउस के खिलाफ दायर शिकायत पर दो सप्ताह के अंदर कोई फैसला करे।
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को आदेश दिया कि वह याचिकाकर्ता की पांच मई की शिकायत पर विचार करे और दो सप्ताह के अंदर कोई फैसला करे।
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इस आदेश के साथ, अदालत ने याचिका का निपटारा कर दिया। यह याचिका वकील अमरीश रंजन पांडे ने दायर की थी।
पांडे ने आरोप लगाया है कि इस घटना के संबंध में प्रसारित किए गए कार्यक्रमों में ‘‘देश में साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने की कोशिश’’ की गई।
याचिका में दावा किया गया है, ‘‘ये कार्यक्रम अस्वीकार्य थे। इनका मकसद हिंसा को प्रोत्साहित करना या भड़काना था।’’
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इसी मीडिया हाउस के एक अन्य कार्यक्रम में मुंबई के बांद्रा में प्रवासियों की एक सभा को षड्यंत्र बताया गया था।
उसने कहा कि इन घटनाओं पर शो/कार्यक्रम केबल टेलीविजन नियमन के नियमों और साथ ही मंत्रालय के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देशों के घोर उल्लंघन थे। इन कथित उल्लंघनों के बावजूद मंत्रालय ने इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
याचिका में कहा गया है कि मंत्रालय ने मीडिया हाउस का लाइसेंस रद्द करने की मांग करने वाली पांडे की पांच मई की शिकायत पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
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