संयुक्त राष्ट्र, सात अक्टूबर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाने को लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान, आतंकवाद का सबसे बड़ा समर्थक तथा उसे बढ़ावा देने वाला देश है और खुद को इसका पीड़ित बताने का ढोंग करता है। साथ ही उसे हिंदू , ईसाई, सिख और बौद्ध सहित अपने सभी अल्पसंख्यकों का नस्ली सफाया करना बंद कर देना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की काउंसलर एवं कानूनी सलाहकार डॉ. काजल भट्ट ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सभी मोर्चों पर लड़े जाने की बात पर जोर दिया और कहा कि सभी सदस्य देशों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी कार्यक्रमों और सम्मेलनों में निहित अपने दायित्वों को पूरा करना चाहिए।
‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को खत्म करने के तरीकों’ पर महासभा की छठी समिति (कानूनी) की बैठक में भट्ट ने कहा, ‘‘ मैं इस बात पर निराशा व्यक्त करना चाहती हूं कि पाकिस्तान ने एक बार फिर इस महत्वपूर्ण मंच का दुरुपयोग करते हुए अपने झूठ को दोहराना शुरू कर दिया है। वह आतंकवाद का सबसे बड़ा समर्थक तथा उसे बढ़ावा देने वाला देश है और खुद को उसका पीड़ित बताने का ढोंग करता है। भारत के नाम का जहां भी जिक्र किया गया, हम उसकी निंदा करते हैं और उसके आरोपों तथा आक्षेपों को खारिज करते हैं।’’
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के दूत मुनीर अकरम द्वारा छठी समिति की बैठक में फिर से कश्मीर के मुद्दे को उठाने और अपनी टिप्पणी में भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के बाद भारत की ओर से यह कड़ी प्रतिक्रिया दी गई।
भट्ट ने कहा, ‘‘ जम्मू-कश्मीर, भारत का हिस्सा था और हमेशा रहेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम पाकिस्तान से हिंदू, ईसाई, सिख और बौद्ध सहित अपने सभी अल्पसंख्यक समुदायों का नस्ली सफाया करना बंद करने की मांग करते हैं।’’
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