इस्लामाबाद, नौ अक्टूबर पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने 2016 में न्यूयॉर्क में बम हमले की साजिश रचने के आरोपी पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक के मामले पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच कोई वास्तविक प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
न्यायाधीश मुशीर आलम की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने इस मामले पर अंतिम फैसला हो जाने तक ताल्हा हारून के अमेरिका प्रत्यर्पण पर रोक लगा दी है।
यह भी पढ़े | अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमय खलीलजाद ने पाक के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से की मुलाकात.
'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की खबर के अनुसार अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल ने अदालत से कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच एक प्रत्यर्पण संधि है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका ने 2008 में दो संदिग्धों फरीद तवक्कल और फारूक तवक्कल को प्रत्यर्पित किया था।
विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा पाकिस्तान अमेरिका और ब्रिटेन के बीच 1932 में हुए द्विपक्षीय समझौते को स्वीकार करता है।
यह भी पढ़े | Montana Sex Shop महिलाओं को देगी मुफ्त सेक्स टॉय, वजह जानकार हैरान हो जाएंगे आप.
न्यायमूर्ति काजी अमीन ने पूछा कि क्या पाकिस्तान एकतरफा तरीके से इस समझौते को स्वीकार कर करता है?
उन्होंने कहा, ''यह कहना सही नहीं है कि सभी देश समान हैं।''
न्यायाधीश ने कहा कि अदालत यह देखेगी कि आरोपी को अमेरिका प्रत्यर्पित करने का कोई कानूनी औचित्य है या नहीं।
उन्होंने कहा, ''वस्तुतः अमेरिका के साथ कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है।''
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)