इस्लामाबाद, चार दिसंबर पाकिस्तान के एक उच्च न्यायालय ने बुधवार को 24 नवंबर के विरोध-प्रदर्शन को लेकर संघीय सरकार और इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) दोनों की आलोचना की।
जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री एवं ‘पीटीआई’ के संस्थापक इमरान खान ने विभिन्ना मांगों को लेकर देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया था।
खान की पार्टी ने 24 नवंबर को इस्लामाबाद के रेड जोन में डी-चौक पर धरना देने के लिए मार्च शुरू किया था, जहां ज्यादातर सरकारी इमारतें स्थित हैं। छब्बीस नवंबर की रात को उनके समर्थकों को डी-चौक के निकट पहुंचने पर जबरदस्ती तितर-बितर कर दिया गया था।
चौबीस नवंबर के विरोध-प्रदर्शन से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए, मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने कहा कि “पीटीआई ने ठीक नहीं किया, और सरकार की भी गलती थी।”
उन्होंने कहा, "मैं पीटीआई से भी पूछता हूं कि अदालत के आदेशों की अवहेलना क्यों की गई।"
मुख्य न्यायाधीश ने हालांकि शहर को बंद करने के लिए सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, “आपने (सरकार ने) इस्लामाबाद को इस तरह से बंद कर दिया कि मैं खुद भी अपने कार्यालय तक नहीं पहुंच सका था।”
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