उत्तर प्रदेश में अन्य एजेंसियां भी किसानों से सीधे कर सकेंगी खरीद, नियमों में होगा बदलाव

मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन के कारण विद्यार्थियों को पढ़ाई का नुकसान नहीं होने देने के लिये उच्च शिक्षण संस्थानों में यथासम्भव ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था करने को भी कहा है।

जमात

लखनऊ, 12 अप्रैल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के किसानों को राहत देने की दिशा में महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए वैकल्पिक क्रय एजेंसियों को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य या उससे अधिक दाम पर सीधे किसानों से खरीद करने की इजाजत दे दी और कहा कि जरूरत पड़ने पर इसके लिये नियमों में बदलाव भी किया जाए।

मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन के कारण विद्यार्थियों को पढ़ाई का नुकसान नहीं होने देने के लिये उच्च शिक्षण संस्थानों में यथासम्भव ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था करने को भी कहा है।

सूचना विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि मुख्यमंत्री ने 'टीम 11' के साथ समीक्षा बैठक में कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा है कि इस वक्त फसल की कटाई का महत्वपूर्ण काम चल रहा है, लिहाजा किसानों को इसके लिये आने-जाने की सुविधा दी जाए। इसके लिये नियमों को आसान बनाया जाए।

उन्होंने कहा कि सरकारी क्रय केन्द्रों के इतर अगर कोई अन्य संस्था या एजेंसी भी किसानों से सीधे तौर पर उनके खेत से फसल खरीदना चाहे तो उसे भी सरकार प्रोत्साहित करेगी। बशर्ते, वह किसानों को सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य या उससे ज्यादा कीमत अदा करे। इसके लिये अगर कृषि या मंडी विभाग के नियमों में बदलाव करना हो तो किया जाए।

उन्होंने कहा कि सरकारी खरीद केन्द्रों पर भी किसानों को हर हाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाया जाए।

अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिये हैं। जहां तक सम्भव हो, उच्च शिक्षा, प्राविधिक, व्यवसायिक, नर्सिंग, पैरामेडिकल शिक्षा आदि में ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की जाए। इसे वृहद रूप से आगे बढ़ाया जाए ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो।

उन्होंने बताया, ‘‘ सभी विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षा की कार्रवाई सुनिश्चित कर ली गयी है। लगभग सभी विश्वविद्यालयों ने इस पर काम शुरू कर दिया है। इसमें मानकीकृत पाठ्य सामग्री होगी, जिससे विद्यार्थियों को फायदा होगा। ऑनलाइन व्यवस्था में छात्रों की काउंसिलिंग भी की जाएगी।’’

अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम के लिये तबलीगी जमात से जुड़े हुए लोगों को पृथक करने की व्यवस्था काफी मजबूती से की लागू की जा रही है। पूरे प्रदेश में विदेशी जमातियों को भी समुचित तरीके से पृथक करके उनकी जांच की जा रही है। ‘‘विदेशी नागरिक अधिनियम’’ के उल्लंघन के कई मुकदमे दर्ज किये गये हैं। अब तक 259 लोगों के पासपोर्ट जब्त किये गये हैं।

उन्होंने बताया, ‘‘प्रदेश 15 जिलों में अब तक 133 संक्रमण वाले स्थानों (हॉटस्पॉट) की पहचान की गई है। इनके दायरे में आये 95 थाना क्षेत्रों में एक लाख 57 हजार 665 मकान चिह्नित किये गये हैं, जिनमें 10 लाख 61 हजार लोग रह रहे हैं। इन संक्रमण वाले क्षेत्र में 342 कोरोना पाजिटिव लोग पाये गये हैं और 2,986 संदिग्ध लोगों को पृथक केंद्र में रखा गया है।’’

अवस्थी ने बताया कि दूसरे चरण में जिलों के जिलाधिकारियों ने अपने यहां कोविड-19 संक्रमण के मामलों के हिसाब से ‘‘हॉटस्पॉट’’ बनाये हैं। जिलाधिकारियों ने लगभग 25 जिलों में 59 हॉटस्पॉट के तहत 44 थाने शामिल किये हैं। इन क्षेत्रों में भी 75 कोरोना संक्रमित लोग मिले हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में लॉकडाउन उल्लंघन के अब तक 15,378 मुकदमे दर्ज करके 48,503 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। अब तक कुल 2,144 वाहनों को जब्त किया गया है और छह करोड़ 31 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है।

अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में फर्जी खबरों के अब तक 201 मामले सामने आये हैं। इनमें से 46 मामले कल ही आये हैं। इनकी साइबर सेल से जांच कराने को कहा गया है।

सलीम अमृत

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)

Share Now

\