नयी दिल्ली, 22 मार्च दिल्ली पुलिस ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि उसने उत्तर पूर्व दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के दौरान कथित रूप से राष्ट्रगान गाने के लिए बाध्य किये गये 23 वर्षीय युवक की मौत के सिलसिले में दैनिक डायरी, गिरफ्तारी मेमो और ड्यूटरी रोस्टर आदि सब मूल रिकॉर्ड सुरक्षित रख लिये हैं।
दिल्ली पुलिस के वकील ने न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी से कहा कि मामले में जांच चल रही है और दस्तावेज एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी के पास महफूज हैं तथा जब भी कहा जाएगा, उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया जा सकता है।
अदालत मृतक फैजान की मां किस्मातुन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने चार अन्य मुस्लिम पुरुषों के साथ अपने बेटे की मौत के मामले में अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच का अनुरोध किया था।
घटना के बाद इंटरनेट पर आये एक वीडियो में यह वाकया देखा गया।
वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ पुलिसकर्मी फैजान को राष्ट्रगान गाने और ‘वंदे मातरम’ कहने के लिए बाध्य करते हुए पीट रहे हैं।
महिला ने दावा किया था कि पुलिस ने अवैध तरीके से उनके बेटे को हिरासत में लिया और उसका सही से इलाज नहीं कराया तथा इस वजह से 26 फरवरी, 2020 को उसकी मौत हो गयी।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने जांच का जिम्मा दिल्ली पुलिस से हस्तांतरित करने के पक्ष में दलील दी। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले में सबूत उपलब्ध होने पर भी उचित जांच को लेकर अनिच्छा नजर आती है और जांच में विश्वास नहीं पैदा हो रहा।
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