नयी दिल्ली, 18 दिसंबर संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर पर गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कथित तौर पर की गई एक टिप्पणी को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ देर बाद ही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने सदन को सूचित किया कि उन्हें नियम 267 के तहत एक नोटिस मिला है। यह नोटिस सपा के रामजी लाल सुमन ने दिया है जिन्होंने किसानों की हालत पर चर्चा करने के लिए नियत कामकाज स्थगित करने का अनुरोध किया है। सभापति ने कहा कि सपा सदस्य शून्यकाल में यह मुद्दा उठा सकते हैं।
इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि गृह मंत्री ने संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान किया है और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। सभापति ने उन्हें सदन की कार्यवाही चलने देने के लिए कहा।
उन्होंने भाजपा के डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल से शून्यकाल के तहत अपना मुद्दा उठाने के लिए कहा। अग्रवाल ने ‘मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव’ से संबंधित मुद्दे पर अपनी बात शुरु की। लेकिन विपक्षी सदस्यों ने गृह मंत्री से माफी की मांग को लेकर हंगामा तेज कर दिया।
सभापति ने उनसे शांत रहने की अपील करते हुए कहा ‘‘बाबा साहेब का सम्मान हम सब करते हैं। वह हम सबके लिए प्रात: वंदनीय, सदैव आदरणीय और अनुकरणीय हैं। देश और देश के बाहर, हर जगह, उनका सम्मान होता है।’’
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा ‘‘हमने कल सदन में अच्छी तरह सुना है। गृह मंत्री ने उनके लिए श्रद्धा जाहिर की और सम्मान व्यक्त किया था। उन्होंने बताया था कि कांग्रेस ने बाबा साहेब का किस तरह अपमान किया। ’’
रीजीजू ने कहा ‘‘जब वह जीवित थे तब उन्हें 1952 में साजिश के तहत कांग्रेस ने चुनाव में हराया। उप चुनाव में भी कांग्रेस ने उन्हें पुन: हराया। अगर बाबा साहेब को कांग्रेस नहीं हराती तो वह 1952 के बाद भी चुनाव जीत कर सदन के सदस्य बने होते।’’
रीजीजू ने कहा कि उनके परिनिर्वाण के बाद भी कांग्रेस ने उन्हें अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्हें भारत रत्न नहीं दिया। उन्हें अपमानित कर कांग्रेस ने देश के साथ खिलवाड़ किया है।’’
संसदीय मामलों के मंत्री ने कहा कि कांग्रेस आज कौन से मुंह से बाबा साहेब के अपमान की बात करती है, यह तो खुद उसने किया है, बार बार किया है। ‘‘बार बार आंबेडकर का नाम ले कर कांग्रेस छल-कपट करती है।’’
उन्होंने कहा ‘‘मैं बाबा साहेब के बताए रास्ते पर चलने वाला बौद्ध हूं। सन 1951 में बाबा साहेब ने कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। 71 साल बाद मोदी ने दूसरे बौद्ध को मंत्री बनाया। हम आंबेडकर के बताए रास्ते पर चलते हैं। ये लोग उनके नाम का वोट बैंक के लिए दुरुपयोग कर रहे हैं।’’
विपक्ष के हंगामे के बीच रीजीजू ने कहा कि बाबा साहेब से संबंधित पांच तीर्थ स्थलों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में काम चल रहा है और मुंबई में 2026 में अरब सागर के तट पर 450 फुट की उनकी ऊंची प्रतिमा बन जाएगी। ‘‘इसके बाद पता चलेगा कि मोदी सरकार उनका कितना सम्मान करती है।’’
सदन में व्यवस्था बनते न देख धनखड़ ने 11 बज कर 13 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस और विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया।
मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं कि , ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर...। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’
मनीषा हक
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