नयी दिल्ली, 30 जुलाई राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच बना गतिरोध शुक्रवार को भी नहीं दूर हो सका और विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक फिर शुरू होने पर भी सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और वे आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच ही उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया।
विपक्षी सदस्यों के शोरगुल के बीच ही रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे और कृषि एवं कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कुछ पूरक सवालों के जवाब दिए। हालांकि हंगामे के कारण उनकी आवाज ठीक से सुनी नहीं जा सकी। उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत होने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। लेकिन उनकी इस अपील का सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ और उन्हें दोपहर 12 बजकर करीब 10 मिनट पर बैठक ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही सभापति एम वेंकैया नायडू ने हंगामा करने वाले सदस्यों के आचरण पर आपत्ति जतायी और कहा कि सदन में सीटी बजाना शोभनीय नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे आचरण से सदन की गरिमा प्रभावित होती है।
इसके बाद कांग्रेस सदस्य केसी वेणुगोपाल ने कहा कि उन्होंने अपने एक सवाल के जवाब को लेकर स्वास्थ्य राज्य मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के जवाब में कहा गया था कि देश में कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुयी।
इस पर सभापति ने कहा कि उनके नोटिस के संबंध में प्रक्रिया जारी है।
इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि पिछले पांच साल से नियम 267 के तहत कोई नोटिस स्वीकार नहीं किया गया है। इस पर सभापति नायडू ने कहा कि नियम 267 के तहत नोटिस स्वीकार करने पर सदन का पूर्वनिर्धारित कामकाज स्थगित करना होता है और इसका विरले ही उपयोग होता है। उन्होंने कहा कि आजकल उन्हें नोटिस 267 के तहत रोजाना कई नोटिस मिलते हैं।
इसी दौरान सदन में विभिन्न विपक्षी दलों का हंगामा शुरू हो गया और सभापति ने 11 बजकर करीब 10 मिनट पर बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
पेगासस जासूसी विवाद, नए कृषि कानून, पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्षी सदस्यों का हंगामा मौजूदा मानसून सत्र की शुरूआत से ही जारी है। मौजूदा मानसून सत्र में अब तक राज्यसभा में शून्यकाल नहीं हो पाया है।
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