चेन्नई, 16 दिसंबर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने सभी लोकतांत्रिक ताकतों से एकजुट होने और ‘‘चुनावी सुधार की आड़ में थोपे गए एक साथ चुनाव कानून’’ के खिलाफ ‘‘पूरी ताकत से लड़ने’’ तथा भारत, इसकी विविधता एवं संविधान को बचाने का आह्वान किया।
उन्होंने दावा किया कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार के पास इस महत्वपूर्ण विधेयक को पारित करने के लिए बहुमत नहीं है। उन्होंने दावा किया कि इस विधेयक से भारत की राजनीति के हमेशा के लिए बदलने का खतरा है।
स्टालिन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अब भी, देश की प्रगति को प्रभावित करने वाले अहम मुद्दों को सुलझाने में भाजपा की विफलताओं से ध्यान हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्षी दलों का ‘इंडिया’ गठबंधन इस संघ-विरोधी एवं अव्यावहारिक ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ का विरोध करेगा, क्योंकि यह देश को एकात्मक शासन प्रणाली के संकट में धकेल देगा तथा इस प्रक्रिया में इसकी विविधता और लोकतंत्र को नष्ट कर देगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर प्रस्तावित विधेयक पारित हो जाता है और लागू हो जाता है, तो इससे हमारे महान संविधान निर्माताओं द्वारा देश को अराजकता एवं अधिनायकवाद में जाने से रोकने के लिए समय-समय पर चुनाव के रूप में स्थापित कानूनी नियंत्रण और संतुलन समाप्त हो जाएगा।’’
स्टालिन ने कहा कि इसके अलावा, राज्य चुनाव अपना राजनीतिक महत्व खो देंगे और क्षेत्रीय भावनाएं एवं विविधता नष्ट हो जाएंगी।
स्टालिन ने अनुरोध किया, ‘‘भारत, इसकी विविधता और संविधान को बचाने के लिए सभी लोकतांत्रिक ताकतों को एकजुट होकर चुनाव सुधार की आड़ में थोपी गई इस अव्यावहारिक नीति के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना होगा।’’
लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान संशोधन विधेयक मंगलवार को संसद में पेश किए जाने की संभावना है और इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजा जा सकता है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने का निर्णय लिया, लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव किस प्रकार कराए जाएंगे, इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
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