मुंबई, 26 जुलाई शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तंज कसते हुए कहा कि केवल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के ‘‘तीन मजबूत दल’’ हैं।
ठाकरे ने राज्यसभा सदस्य एवं शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक संजय राउत से साक्षात्कार के दौरान मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर भी केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्वोत्तर राज्य का दौरा तक करने के लिए तैयार नहीं हैं।
ठाकरे ने भाजपा नीत राजग की हालिया बैठक का परोक्ष संदर्भ देते हुए दावा किया कि जब चुनाव नजदीक आते हैं, तो सरकार भाजपा के लिए राजग सरकार होती है, लेकिन चुनाव के बाद यह मोदी-सरकार बन जाती है।
राजग के 38 घटक दलों के नेताओं ने पिछले सप्ताह दिल्ली में मुलाकात की थी। उसी दिन शिवसेना (यूबीटी) समेत विपक्ष के 26 दलों ने बेंगलुरु में बैठक की थी और इस दौरान उन्होंने अपने गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) रखने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था।
विपक्षी दल सत्तारूढ़ भाजपा पर विरोधियों को निशाना बनाने के लिए विभिन्न केंद्रीय एजेंसी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते रहे हैं।
ठाकरे ने साक्षात्कार में कहा ‘‘राजग में 36 दल हैं। केवल ईडी, सीबीआई और आयकर राजग की तीन मजबूत पार्टी हैं। अन्य दल कहां हैं? कुछ दलों का तो एक भी सांसद नहीं है।’’
इस साक्षात्कार का पहला हिस्सा बुधवार को ‘सामना’ में प्रकाशित किया गया।
ठाकरे ने समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर कहा कि भाजपा को पहले कश्मीर से कन्याकुमारी तक गोहत्या पर प्रतिबंध के लिए कानून लाना चाहिए।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कानून के सामने हर कोई समान है, तो भाजपा में जो लोग भ्रष्ट हैं, उन्हें भी दंडित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ‘असली शिवसेना’ वहीं है, जहां ठाकरे परिवार है।
ठाकरे ने कहा कि जिन लोगों ने शिवसेना में फूट डाली थी, उन्होंने सोचा था कि इससे पार्टी खत्म हो जाएगी, लेकिन यह फिर से उभर रही है।
उन्होंने कहा कि यह एक तरह से अच्छा ही हुआ, ‘‘ क्योंकि बगावत करने वाले कई दिग्गज लंबे समय से अपनी सीटों पर काबिज हैं लेकिन अब उनकी जगह नए लोगों को मौका मिल सकता है।’’
विधायक एकनाथ शिंदे और 39 अन्य विधायकों ने पिछले साल जून में शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिससे पार्टी में फूट पड़ गई थी और ठाकरे नीत महा विकास आघाडी की सरकार गिर गई थी। शिंदे बाद में भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए।
मुख्यमंत्री शिंदे सहित शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिकाओं के बारे में ठाकरे ने कहा कि अगर राज्य विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर न्याय नहीं करेंगे तो उनकी पार्टी के लिए उच्चतम न्यायालय के दरवाजे खुले हैं।
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