लंदन, 30 नवंबर : स्कॉटलैंड में तीन नए मामले सामने आने के बाद ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्वरूप से जुड़े मामलों की संख्या अब 14 हो गई है और इससे उत्पन्न चिंता के चलते मंगलवार से देश में सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि आज से प्रभावी होने जा रहे उपाय सही हैं और इनके माध्यम से नए स्वरूप से निपटने की तैयारियों के लिए समय मिलेगा. उन्होंने कहा, “हम जो कुछ भी जानते हैं, उसके आधार पर, हमारे टीके और बूस्टर हमारी रक्षा की सबसे अच्छी पंक्ति बने हुए हैं, इसलिए यह पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है कि जब लोगों का नंबर आए तो वे बूस्टर खुराक लगवाने के लिए आगे आएं. आज के कदम न केवल नए स्वरूप के प्रसार को धीमा करने बल्कि ये एक-दूसरे की रक्षा करने में भी हमारी मदद करेंगे.”
मंगलवार से लागू हुए उपायों के तहत किसी तरह की छूट मिलने तक लोगों को दुकानों, बैंक, डाकघरों, सार्वजनिक परिवहन और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा तथा यह एक कानूनी आवश्यकता होगी. कदमों के तहत सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को आगमन के बाद दूसरे दिन के अंत तक पीसीआर परीक्षण कराना होगा और निगेटिव रिपोर्ट आने तक उन्हें स्व-पृथक-वास में रहना होगा. इसके अलावा, ‘ओमीक्रोन’ के संदिग्ध मामलों से जुड़े व्यक्तियों के संपर्क में आए सभी लोगों को स्व-पृथक-वास में रहना होगा चाहे उनकी उम्र या टीकाकरण की स्थिति कुछ भी हो. इन लोगों से राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) परीक्षण और खोज प्रणाली विभाग द्वारा संपर्क किया जाएगा. डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा कि ये उपाय अस्थायी और एहतियाती हैं तथा तीन सप्ताह में इनकी समीक्षा की जाएगी. यह भी पढ़ें : Cyclonic Storm: ओडिशा, आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों तक चक्रवाती तूफान के शनिवार को पहुंचने की आशंका- मौसम विभाग
सोमवार को, टीकाकरण संबंधी संयुक्त समिति ने बूस्टर खुराक कार्यक्रम को 18-39 वर्ष के सभी लोगों के लिए विस्तारित करने की सलाह दी और दूसरी खुराक एवं बूस्टर खुराक के बीच के अंतर को घटाकर तीन महीने कर दिया गया. बारह से 15 वर्ष तक की आयु के सभी लोगों को अब फाइजर/बायोएनटेक के कोविड रोधी की दूसरी खुराक लेने की सलाह दी गई है जो पहली खुराक के 12 सप्ताह बाद लेनी होगी. तीन प्राथमिक खुराक ले चुके गंभीर रूप से कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों को अब चौथी बूस्टर खुराक देने की सलाह दी गई है. ‘ओमीक्रोन’ की सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पहचान की गई थी जिसके बाद ब्रिटेन ने दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, लेसोथो, इस्वातिनी, ज़िम्बाब्वे, नामीबिया, मलावी, मोज़ाम्बिक, जाम्बिया और अंगोला को यात्रा प्रतिबंधों की सूची में शामिल कर लिया था.