नयी दिल्ली, एक जुलाई एथलेटिक्स को ओलंपिक खेलों की आत्मा कहा जाता है और भारत ने भी अब तक इस प्रतियोगिता में 172 एथलीटों को उतारा है लेकिन उसके नाम पर केवल दो पदक दर्ज हैं और वह भी उसे किसी भारतीय ने नहीं बल्कि ब्रिटिश मूल के खिलाड़ी ने दिलाये थे।
अभी तक कोई भी भारतीय एथलीट ओलंपिक एथलेटिक्स में पोडियम तक नहीं पहुंचा है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) की पदक सूची में हालांकि भारत के नाम पर दो रजत पदक दर्ज हैं जिन्हें पेरिस ओलंपिक 1900 में एंग्लो इंडियन एथलीट नार्मन प्रिचार्ड ने 200 मीटर दौड़ और 200 मीटर बाधा दौड़ में जीता था।
प्रिचार्ड असल में ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले खिलाड़ी थे। विश्व एथलेटिक्स ने हालांकि 2005 में उनके पदकों को ग्रेट ब्रिटेन के खाते में डाल दिया था लेकिन आईओसी अब भी उन्हें भारतीय एथलीट ही मानती है।
प्रिचार्ड का जन्म 23 जून 1875 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में हुआ था। वह 1905 में स्थायी तौर पर ब्रिटेन में बस गये थे जहां वह अभिनय से जुड़े और बाद में हॉलीवुड की फिल्मों में काम करने के लिये लॉस एंजिल्स चले गये थे। उन्होंने 30 अक्टूबर 1929 को लॉस एंजिल्स में अंतिम सांस ली थी।
ओलंपिक की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले मूल भारतीय फर्राटा धावक पूरमा बनर्जी, लंबी दूरी के धावक पादेपा चौगुले और सदाशिव दातार थे जिन्होंने एंटवर्प ओलंपिक 2020 में हिस्सा लिया था।
नीलिमा घोष और मेरी डिसूजा ओलंपिक में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट थी। उन्होंने 1952 हेलंसिकी ओलंपिक में 100 मीटर दौड़ में हिस्सा लिया था। घोष ने 80 मीटर बाधा दौड़ में भी देश का प्रतिनिधित्व किया था।
भारत की तरफ से 1900 से 2016 तक एथलेटिक्स में 119 पुरुष और 53 महिला एथलीटों ने हिस्सा लिया लेकिन इन खेलों में भारतीय एथलीटों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन चौथा स्थान रहा।
उड़न सिख मिल्खा सिंह 1960 रोम ओलंपिक में पुरुषों की 400 मीटर दौड़ में चौथे स्थान पर रहे थे। मिल्खा सिंह का कोविड-19 के बाद की जटिलताओं के कारण हाल में निधन हुआ था। उनकी अपने जीते जी किसी भारतीय एथलीट के ओलंपिक पदक जीतने की तमन्ना पूरी नहीं हो पायी।
उड़नपरी पी टी ऊषा ने 1984 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में इसके करीब पहुंच गयी थी लेकिन महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ में वह भी चौथा स्थान ही हासिल कर पायी थी।
तोक्यो में 23 जुलाई से शुरू होने वाले ओलंपिक खेलों के लिये भारत के 12 एथलीटों ने व्यक्तिगत स्पर्धाओं और मिश्रित रिले टीम ने क्वालीफाई किया है। इनमें केवल भाला फेंक के एथलीट नीरज चोपड़ा ही पदक के दावेदार माने जा रहे हैं।
चोपड़ा ने जकार्ता एशियाई खेल 2018 में 88.06 मीटर भाला फेंककर नया राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया था, लेकिन पिछले एक साल में बहुत कम अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने का असर उनके प्रदर्शन पर पड़ सकता है।
भारतीय मिश्रित रिले टीम विश्व एथेलेटिक्स चैंपियनशिप 2019 में तीसरे स्थान पर रही थी। केटी इरफान ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय एथलीट थे लेकिन पुरुषों की 20 किमी पैदल चाल में पोडियम पर पहुंचने के लिये उन्हें अतिरिक्त प्रयास करने होंगे।
भारत की तरफ केटी इरफान, संदीप कुमार और राहुल रोहिल्ला (पुरुषों की 20 किमी पैदल चाल) अविनाश साबले (पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज़), मुरली श्रीशंकर (पुरुषों की लंबी कूद), नीरज चोपड़ा (पुरुष भाला फेंक), शिवपाल सिंह (पुरुष भाला फेंक), तजिंदरपाल सिंह तूर (पुरुष गोला फेंक), कमलप्रीत कौर और सीमा पूनिया (महिला चक्का फेंक) भावना जाट और प्रियंका गोस्वामी (महिलाओं की 20 किमी पैदल चाल) तथा 4x400 मिश्रित रिले टीम तोक्यो ओलंपिक की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी।
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