देश की खबरें | ओबीसी कार्यकर्ता जालना में अनशन पर, सरकार के दल ने आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया

जालना, 17 जून महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठा आरक्षण की मांग के बीच ओबीसी श्रेणी के दो कार्यकर्ता जालना जिले में अनशन पर बैठे हैं और सरकार से आश्वासन की मांग रहे हैं कि उनका आरक्षण प्रभावित न हो।

राज्य सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को ओबीसी कार्यकर्ताओं लक्ष्मण हाके और नवनाथ वाघमारे से मुलाकात की और उनसे अनशन समाप्त करने का आग्रह किया। लेकिन दोनों ही कार्यकर्ताओं ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।

आंदोलनकारियों ने कहा कि वे मराठों के लिए आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं लेकिन इससे ओबीसी आरक्षण प्रभावित नहीं होना चाहिए।

ओबीसी कार्यकर्ता सरकार की मसौदा अधिसूचना को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें कुनबी को मराठा समुदाय के सदस्यों के 'रक्त संबंधी' के रूप में मान्यता दी गई है।

ओबीसी समुदाय के एक नेता ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार के कदमों से उनके आरक्षण पर नकारात्मक असर पड़ता है तो वे पूरे राज्य में अनशन करेंगे।

हाके और वाघमारे, अंतरवाली सराटी गांव के पास स्थित वाडीगोदरी गांव में पांच दिनों से अनशन पर हैं। यह वही जगह है, जहां कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने हाल ही में ओबीसी श्रेणी के तहत मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते हुए भूख हड़ताल की थी।

हाके, महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य हैं जबकि वाघमारे जालना में ओबीसी समुदाय के लोगों के कल्याण के लिए काम करने वाली संस्था समता परिषद के अध्यक्ष हैं।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अतुल सावे, राज्यसभा सदस्य डॉ. भागवत कराड और शिवसेना सांसद संदीपन भूमरे की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को हाके और वाघमारे से मुलाकात की और उनसे अनशन समाप्त करने या कम से कम पानी पीने का अनुरोध किया। लेकिन दोनों कार्यकर्ताओं ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। आंदोलनकारियों ने सरकार से लिखित आश्वासन देने की मांग करते हुए कहा कि मराठा आरक्षण से ओबीसी कोटा प्रभावित नहीं होना चाहिए।

प्रतिनिधिमंडल ने दोनों कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि मंगलवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में उनकी मांगों पर चर्चा की जाएगी। हाके ने संवाददाताओं से कहा, ''जब तक सरकार लिखित में आश्वासन नहीं देती तब तक हम अनशन समाप्त नहीं करेंगे।''

उन्होंने दावा किया कि सरकार ओबीसी आरक्षण मुद्दे की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा, ''हम मराठों के लिए आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इससे ओबीसी कोटा प्रभावित नहीं होना चाहिए।''

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