जोशीमठ, 15 फरवरी: राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड (एनटीपीसी) ने सोमवार को कहा कि वह तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना में कार्यरत उन श्रमिकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपए का मुआवजा देगी, जो सात फरवरी को चमोली में आई आपदा में मारे गए हैं. एनटीपीसी के स्थानीय प्रवक्ता आर पी जायाड़ा ने यहां पत्रकारों को बताया कि प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को मुआवजे के वितरण की प्रक्रिया तैयार की जा रही है.
उन्होंने बताया कि श्रमिकों के बारे में जरूरी जानकारी एकत्र करने और प्रशासन से समन्वय स्थापित करने के लिए एक कार्यबल गठित किया गया है. उत्तराखंड की आपदा प्रभावित तपोवन सुरंग से सोमवार को तीन शव और बरामद किए गए. पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से फंसे 25-35 लोगों को बाहर निकालने के लिए सुरंग में सेना सहित विभिन्न एजेंसियों का संयुक्त बचाव और तलाश अभियान चल रहा है.
पुलिस ने बताया कि मलबे और गाद से भरी तपोवन सुरंग से अब तक नौ शव निकाले जा चुके हैं. रविवार को सुरंग से छह शव बरामद किए गए थे. ऋषिगंगा घाटी में सात फरवरी को आई बाढ़ के समय एनटीपीसी की 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की इस सुरंग में लोग कार्य कर रहे थे.
बाढ़़ के कारण निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगाड परियोजना को हुई भारी क्षति के अलावा रैणी में स्थित 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना भी पूरी तरह तबाह हो गई थी.
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