विदेश की खबरें | उत्तर कोरिया ने पहले जासूसी उपग्रह का प्रक्षेपण असफल होने को ‘सर्वाधिक गंभीर’ चूक बताया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. सियोल, 19 जून (एपी) उत्तर कोरिया के शीर्ष अधिकारियों ने अपने एक जासूसी उपग्रह के पहले प्रक्षेपण की असफलता को इस वर्ष की ‘‘सर्वाधिक गंभीर’’ चूक करार देते हुए दोबारा प्रक्षेपण का प्रण लिया, वहीं इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों की तीखी आलोचना भी की।
सियोल, 19 जून (एपी) उत्तर कोरिया के शीर्ष अधिकारियों ने अपने एक जासूसी उपग्रह के पहले प्रक्षेपण की असफलता को इस वर्ष की ‘‘सर्वाधिक गंभीर’’ चूक करार देते हुए दोबारा प्रक्षेपण का प्रण लिया, वहीं इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों की तीखी आलोचना भी की।
देश के सरकारी मीडिया ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
विफल प्रक्षेपण और उत्तर कोरिया के शस्त्रों के आधुनिकीकरण के प्रयासों पर सत्तारूढ़ दल की बैठक में गहन चर्चा की गयी। तीन दिन तक चली बैठक रविवार को समाप्त हुई जिसमें उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और अन्य शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।
‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ ने बैठक के संबंध में अपनी रिपोर्ट में यह तो नहीं बताया कि इसे किसने संबोधित किया, लेकिन कहा कि ‘‘ गैर जिम्मेदाराना तरीके से प्रक्षेपण की तैयारी करने के लिए अधिकारियों की तीखी आलोचना की गई।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारियों तथा वैज्ञानिकों को असफलता से सबक लेने, इसके कारणों का पता लगाने तथा कम वक्त में दोबारा प्रक्षेपण करने के निर्देश दिए गए हैं।
समाचार समिति ने अपनी खबर में हालांकि यह नहीं बताया कि दोबारा प्रक्षेपण कब किया जाएगा, लेकिन दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने सांसदों को सूचित किया था कि उत्तर कोरिया को यह पता लगाने में ‘‘कई हफ्ते’’ लग सकते हैं कि प्रक्षेपण में क्या कमी रह गई।
उत्तर कोरिया के निगरानी संगठनों ने प्रक्षेपण की असफलता को लेकर वैज्ञानिकों अथवा इससे जुड़े अन्य लोगों को बर्खास्त किए जाने अथवा उनके साथ किसी प्रकार का बुरा बर्ताव होने के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि देश के नेता किम जोंग उन का बर्ताव देश के हथियार निर्माण कार्यक्रम में लगे वैज्ञानिकों तथा तकनीशियनों के साथ अच्छा है।
वर्ष 2022 की शुरुआत से अब तक उत्तर कोरिया सौ से अधिक मिसाइल परीक्षण कर चुका है, इसमें से कुछ जासूसी उपग्रह के निर्माण से तथा अन्य शक्तिशाली हथियार निर्माण से जुड़े हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि बैठक के दौरान क्षेत्र में ‘‘ उत्तर कोरिया के दुश्मनों के ‘‘युद्ध के लिए उकसाने वाले कदमों’’ के मद्देनजर सुरक्षा के तेजी से बिगड़ते हालात पर भी चर्चा की गई।’’ प्रत्यक्ष तौर पर यह इशारा अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच बढ़ते सैन्य अभ्यासों के लिए था।
समाचार समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया कि किम ने ‘वर्कर्स पार्टी सेंट्रल कमेटी’ के सत्र को संबोधित किया अथवा नहीं।
वहीं दक्षिण कोरिया की ‘यूनिफिकेशन मिनिस्ट्री’ के प्रवक्ता कू यंगसैम ने कहा कि ऐसा हो नहीं सकता कि किम पार्टी की हाई फ्रोफाइल बैठक में मौजूद हों और बैठक को संबोधित नहीं करें। उन्होंने कहा कि किम का संबोधन नहीं होना शायद उपग्रह के प्रक्षेपण की असफलता तथा देश की आर्थिक उन्नति नहीं होने से जुड़ा है।
गौरतलब है कि मई के अंत में एक जासूसी उपग्रह ले जाने वाला उत्तर कोरियाई रॉकेट प्रक्षेपण के तत्काल बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इससे अमेरिका और दक्षिण कोरिया पर नजर रखने के लिए अंतरिक्ष-आधारित निगरानी प्रणाली हासिल करने के किम के प्रयासों को झटका लगा था।
दुनिया भर के कई देशों ने प्रक्षेपण के लिए उत्तर कोरिया की आलोचना की थी।
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