मोदी सरकार के कार्यकाल में पूर्वोत्तर विकास की ओर अग्रसर: भाजपा

उन्होंने कहा ‘‘पूर्वोत्तर के क्षेत्र में कई तरह की विकास योजनाएं भी चलाई जा रही हैं. अवसंरचना विकास की वजह से राज्य में अब बिजली की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ता. नीतियां और परियोजनाएं पहले भी बनाई जाती थीं लेकिन उनका सही मायनों में कार्यान्वयन अब हो रहा है क्योंकि वर्तमान सरकार केवल घोषणाएं करने में विश्वास नहीं करती.’’

भारतीय जनता पार्टी (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नयी दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र के, विकास की राह में अग्रसर होने का दावा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक सदस्य ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में सोमवार को कहा कि संपर्क, अवसंरचना और अन्य क्षेत्रों की ओर समुचित तरीके से ध्यान दिए जाने का ही नतीजा है कि कोविड महामारी (COVID Pandemic) के दौर में पूर्वोत्तर में हालात नियंत्रण में रहे. राज्यसभा में उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय के के कामकाज पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा (BJP) के भुवनेश्वर कालिता (Bhubaneshwar Kalita) ने कहा कि देश की आबादी का 3.7 फीसदी हिस्सा पूर्वोत्तर में रहता है और इस क्षेत्र के लिए विकास के लिए अलग से मंत्रालय गठित किए जाने के बाद से इसके लिए बजटीय प्रावधान भी किया जाने लगा. मणिपुर में BJP सरकार को जनता दल युनाइटेड व NPF ने दिया समर्थन, भाजपा को मिली है 60 में से 32 सीटें

उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के कार्यकाल में इस क्षेत्र की ओर उल्लेखनीय ध्यान दिया गया है. उन्होंने कहा कि पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने कई बार इस क्षेत्र की यात्रा की है ओर वह हैं मोदी. उन्होंने कहा ‘‘पहले कभी ऐसा नहीं हुआ. हर पंद्रह दिन में एक न एक मंत्रालय अपने अधिकारी को पूर्वोत्तर भेज रहा है और वहां की परियोजनाओं के बारे में जानकारी ली जाती है.’’

कालिता ने कहा कि वर्तमान सरकार की नीति ‘‘एक्ट ईस्ट’’ नीति है जो देश के इस हिस्से के विकास के साथ साथ इसे दक्षिण से भी जोड़ती है. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के देश के अन्य हिस्से से संपर्क पर खास ध्यान दिया गया है. यह संपर्क वायु मार्ग, रेल मार्ग, सड़क मार्ग और जल मार्ग से है. इससे न केवल जिला मुख्यालयों को फायदा हुआ है बल्कि आम नागिरकों को भी सुविधाएं मिली हैं.

पूर्वोत्तर के संपूर्ण विकास के लिए मोदी सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए कालिता ने कहा कि आज लगभग सभी राज्यों की राजधानियां रेल संपर्क से जुड़ चुकी हैं जबकि पहले ऐसा नहीं था. एक समय था जब संपर्क के अभाव में पूर्वोत्तर राज्यों तक जरूरी सामग्री भी नहीं पहुंच पाती थी. इससे न केवल राज्य के लोगों को असुविधा होती थी बल्कि पर्यटन पर भी इसका असर पड़ता था.

उन्होंने कहा कि जल संपर्क मजबूत होने की वजह से भी राज्य को बहुत सुविधा मिली है और उसके व्यापार पर इसका सकारात्मक असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि पूर्ववती वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में राजमार्ग परियोजनाएं शुरू हुईं जो आज पूरी हो चुकी हैं. आज पीएमजीएसवाई योजना के तहत पूरे पूर्वोत्तर में सड़कों का विकास हो रहा है.

उन्होंने कहा कि गोपीनाथ बोरदोलोई को भाजपा सरकार ने भारत रत्न प्रदान किया और पूर्वोत्तर में गोपीनाथ बोरदोलोई हवाईअड्डा स्थापित किया जिससे क्षेत्र देश के विभिन्न राज्यों से जुड़ पाए. कालिता ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में औद्योगिक विकास और अवसंरचना का विकास भी हुआ और इसका श्रेय मोदी सरकार को जाता है. उन्होंने कहा कि आज कई उद्योगों की पूर्वोत्तर राज्यों में उपस्थिति देखी जा रही है. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में किए गए औद्योगिक विकास और अवसंरचना विकास के उल्लेखनीय नतीजे अब सामने आ रहे हैं.

उन्होंने कहा ‘‘पूर्वोत्तर के क्षेत्र में कई तरह की विकास योजनाएं भी चलाई जा रही हैं. अवसंरचना विकास की वजह से राज्य में अब बिजली की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ता. नीतियां और परियोजनाएं पहले भी बनाई जाती थीं लेकिन उनका सही मायनों में कार्यान्वयन अब हो रहा है क्योंकि वर्तमान सरकार केवल घोषणाएं करने में विश्वास नहीं करती.’’

उन्होंने कहा ‘‘स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय काम पूर्वोत्तर मे हुआ. यही वजह है कि कोविड महामारी के दौरान संक्रमण के मामले पूर्वोत्तर राज्यों में कम रहे. आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि स्वास्थ्य संबंधी अवसरंचना की वजह से हम किसी भी महामारी का मुकाबला कर सकते हैं. पहले इस क्षेत्र में केवल तीन मेडिकल कॉलेज थे. आज हमारे पास सात मेडिकल कॉलेज हैं. हमारे पूर्वोत्तर राज्यों ने टीकाकरण में मुस्तैदी दिखाई और बड़ी आबादी का टीकाकरण हो गया.’’

कालिता ने कहा ‘‘असम में जरूरत के समय ऑक्सीजन संयंत्र बनाए गए और सब कुछ समय पर हो गया. पूर्वोत्तर के राज्यों को ऑक्सीजन की किल्लत नहीं हुई. असम से हमें ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई.’’

उन्होंने कहा ‘‘आज खेल के नक्शे में पूर्वोत्तर के राज्य अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. ओलंपिक खेल हों या अन्य स्पर्धाएं, हम किसी से पीछे नहीं हैं. मणिपुर में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है. यह बहुत ही उपयोगी साबित होगी. खेल के क्षेत्र में पूर्वोत्तर राज्य फास्ट ट्रैक पर हैं और हम इस बात को लेकर गौरवान्वित हैं.’’ कालिता ने कहा कि पूर्वोत्तर की कुछ अंतरराष्ट्रीय परियोजनाएं हैं जिनके कार्यान्वयन के बाद इस क्षेत्र के विकास को और अधिक गति मिल जाएगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दशकों में केंद्र सरकार की पहलों से पूर्वोत्तर राज्य और आगे बढ़ जाएंगे.

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