हुब्बल्लि (कर्नाटक), 21 मार्च : टीपू सुल्तान की हत्या के इतिहास पर उठे विवाद को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ‘‘झटका’’ लगने की बात खारिज करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने मंगलवार को कहा कि जीत उस दि होगी जिस दिन उचित शोध के बाद सच्चाई सामने आएगी. गौरतलब है कि वोक्कालिगा समुदाय के सरदारों उरी गौड़ा और नांजे गौड़ा को लेकर उठे विवाद के बीच समुदाय के एक प्रमुख संत ने इस संबंध में ऐतिहासिक साक्ष्यों की कमी का हवाला देते हुए सोमवार को इस मुद्दे को समाप्त करने की अपील की थी. भाजपा के कुछ नेता समेत एक वर्ग का दावा है कि इन दोनों वोक्कालिगा सरदारों ने पूर्ववर्ती मैसुरू के शासक टीपू सुल्तान की हत्या की थी. प्रतिष्ठित इतिहासकारों ने इस दावे का विरोध किया है.
यह पूछने पर कि क्या इस विवाद का पार्टी पर प्रतिकूल असर पड़ेगा, इस पर बोम्मई ने कहा, ‘‘कोई झटका लगने का सवाल ही नहीं है. जब शोध होगा और जिस दिन सच्चाई सामने आएगी, हमें जीत मिलेगी.’’ विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए बोम्मई ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मैं केवल उरी गौड़ा और नांजे गौड़ा के बारे में बात नहीं कर रहा हूं. आजादी के बाद कर्नाटक समेत देशभर में कई ऐतिहासिक सच दबा दिए गए और इतिहास को तोड़-मरोड़ दिया. सभी को मालूम है कि तब किसने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. अगर अब सच्चाई बतायी जाती है तो ये उसे हजम नहीं कर पाएंगे.’’ दरअसल, कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) नेताओं का कहना है कि उरी गौड़ा और नांजे गौड़ा अस्तित्व में ही नहीं थे और यह काल्पनिक किरदार हो सकते हैं, जिसके सहारे भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वोक्कालिगा बहुल ‘ओल्ड मैसूरु’ क्षेत्र में पैर जमाने की कोशिश कर रही है. यह भी पढ़ें : राहुल की टिप्पणी और अडाणी मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा, बैठक 23 मार्च तक स्थगित
वोक्कालिगा समुदाय से जुड़े श्री आदि चुनचुनगिरि महासंस्थान मठ के प्रमुख संत निर्मलानंदनाथ महास्वामीजी ने सोमवार को किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले दोनों के बारे में सूचनाएं, ऐतिहासिक रिकॉर्ड एकत्रित करने की जरूरत बताई थी. उन्होंने सोमवार को फिल्म निर्माता और राज्य के मंत्री मुनिरत्न को उरी गौड़ा और नांजे गौड़ा पर कोई फिल्म नहीं बनाने को कहा था. मुनिरत्न के स्टूडियो ने उन पर एक फिल्म बनाने की योजना बनाई थी. हालांकि, अब उन्होंने निर्मलानंदनाथ महास्वामीजी के निर्देश का पालन किया है. पुराने मैसुरू क्षेत्र में एक वर्ग दावा करता है कि टीपू सुल्तान अंग्रेजों से लड़ते हुए नहीं मारे गये थे, बल्कि दो वोक्कालिगा सरदारों ने उन्हें मार दिया था. कुछ इतिहासकारों ने इस दावे का खंडन किया है.