नयी दिल्ली, 26 सितंबर उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह 2002 के गोधरा ट्रेन कांड मामले में गुजरात सरकार और कई अन्य दोषियों द्वारा दायर अपील पर 15 जनवरी को सुनवाई करेगा।
गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच को जलाए जाने से 59 लोग मारे गए थे। इस घटना के बाद राज्य में दंगे भड़क उठे थे।
शीर्ष अदालत में गुजरात उच्च न्यायालय के अक्टूबर 2017 के उस फैसले को चुनौती देते हुए कई अपील दायर की गई हैं, जिसमें कई दोषियों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा गया था और 11 दोषियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था।
कुछ याचिकाएं बृहस्पतिवार को शीर्ष अदालत के समक्ष सुनवाई के लिए आईं।
गुजरात सरकार की वकील स्वाति घिल्डियाल ने पीठ से मामले की सुनवाई किसी और दिन करने का अनुरोध किया क्योंकि उन्हें मौत की सजा से संबंधित एक मामले में शीर्ष अदालत की एक अन्य पीठ के समक्ष बहस करनी थी।
पीठ ने कहा, ‘‘हमें पहले यह समझना होगा कि अलग-अलग लोगों के मामले क्या हैं। अभियोजन पक्ष का मामला क्या है। फिर हमें भूमिकाओं का पता लगाना होगा।’’
इसने कहा कि मामले में सुनवाई में कम से कम तीन दिन लगेंगे।
पीठ ने कहा, ‘‘अब हम इसे अगली तारीख पर स्थगित नहीं करेंगे।’’
इसने कहा, ‘‘गुजरात राज्य की ओर से पेश वकील स्वाति घिल्डियाल के अनुरोध पर, इसे 15 जनवरी, 2025 के लिए सूचीबद्ध किया जाए।’’
शीर्ष अदालत के समक्ष पूर्व में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा था कि निचली अदालत ने 11 दोषियों को मृत्युदंड और 20 अन्य दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
उच्च न्यायालय ने मामले में 31 लोगों की दोषिसिद्धि को बरकरार रखा था और मौत की सजा पाने वाले 11 दोषियों की सजा को घटाकर आजीवन कारावास कर दिया था।
राज्य सरकार ने 11 दोषियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने के खिलाफ अपील की है, वहीं कई दोषियों ने मामले में अपनी सजा को बरकरार रखने के उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है।
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