तिहाड़ जेल में ‘जबरन वसूली’ का कोई पुख्ता सबूत नहीं: CBI
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर चल रही जांच में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा है कि तिहाड़ जेल में जबरन वसूली करने वाले किसी बड़े गिरोह के सक्रिय होने का कोई पुख्ता सबूत नहीं है। जेल में पीट-पीटकर मार दिये गए कैदी अंकित गुज्जर के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने जांच के आदेश दिए थे।
नयी दिल्ली, 27 दिसंबर: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर चल रही जांच में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा है कि तिहाड़ जेल में जबरन वसूली करने वाले किसी बड़े गिरोह के सक्रिय होने का कोई पुख्ता सबूत नहीं है. जेल में पीट-पीटकर मार दिये गए कैदी अंकित गुज्जर के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने जांच के आदेश दिए थे.
अधिकारियों ने कहा कि गुज्जर के परिवार ने आरोप लगाया है कि जेल अधिकारियों की ‘जबरन वसूली’ से जुड़ी मांग को पूरा नहीं करने के कारण उसकी हत्या कर दी गई. दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेल में रंगदारी वसूलने के आरोपों के साथ-साथ गुज्जर की मौत की भी जांच करने का निर्देश सीबीआई को दिया था. उन्होंने कहा कि एजेंसी ने उच्च न्यायालय के आदेश पर दो अलग-अलग जांच शुरू की थी जिसमें एक गुज्जर की मौत से संबंधित थी और दूसरी तिहाड़ जेल में जारी कथित वसूली गतिविधियों से जुड़ी थी.
अपनी क्लोजर रिपोर्ट में सीबीआई ने कहा कि उसे अपराध की तरफ संकेत करने वाला कोई भी पुख्ता सबूत नहीं मिला. एजेंसी ने कहा कि आम तौर पर तीन जेल अधिकारियों पर जेल में जबरन वसूली करने वाला गिरोह चलाने का संदेह था, लेकिन उनके खिलाफ ‘केवल कमजोर’ सबूत हैं और इस मामले को बंद करने की सिफारिश की गई है.
एजेंसी ने कहा कि गुज्जर की मौत की जांच पूरी हो चुकी है और अब कोई और आरोपपत्र नहीं दायर किया जाएगा. एजेंसी ने पिछले साल विशेष अदालत को बताया था कि उसे यह संकेत देने वाले ‘पुख्ता सबूत नहीं मिले’ कि गुज्जर की मौत जबरन वसूली के कारण हुई. उन्होंने बताया कि गुज्जर (29) पर कई हत्याओं में शामिल होने का आरोप था और वह तिहाड़ की जेल नंबर तीन में बंद था. वह चार अगस्त, 2021 को मृत मिला था.
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