पटना, 10 अगस्त नीतीश कुमार ने बुधवार को आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ली और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी संभावनाओं के बारे में ‘‘चिंता’’ करने की जरूरत है।
राज्यपाल फागू चौहान द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ लेने के तुरंत बाद पत्रकारों से बात करते हुए कुमार ने भाजपा के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि नई सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं करेगी और कहा कि 2015 में जैसे हमलोग साथ थे, एक बार फिर हो गए और बिहार के हित में काम करेंगे ।
कुमार के अलावा राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी शपथ ली जिन्हें उपमुख्यमंत्री के तौर पर नामित किए जाने की संभावना है।
शपथ लेने के बाद तेजस्वी ने नीतीश को हाथ जोड़कर प्रणाम किया और उनके चरण स्पर्श किए । शपथ ग्रहण के बाद नीतीश और तेजस्वी एक-दूसरे से गले भी मिले।
सात दलों के सत्तारूढ़ इस गठबंधन के सूत्रों ने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में होगा।
इससे पहले शपथग्रहण समारोह में भाजपा विधायकों की अनुपस्थिति के बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया था कि उनके दल के किसी भी सदस्य को निमंत्रण नहीं मिला था।
भाजपा की कथित साजिश की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने कहा, ‘‘2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के साथ क्या हुआ था । मैं 2020 में मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था। आप सभी साक्षी हैं कि तब से क्या हो रहा था। पार्टी के विधायक और उम्मीदवारों से पूछ लें, इसबारे में वे बता देंगे । सभी लोग इस बारे में लगातार बता रहे थे, अंततः मुझे लगा कि सभी की इच्छा है तो उनकी इच्छा का स्वागत करते हुए फिर 2015 की तरह साथ हो गए और साथ मिलकर अब बिहार के हित के लिए काम करेंगे ।’’
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया, ‘‘ हमारे लोगों ने उनका समर्थन किया और उनकी ओर से जदयू को हराने की कोशिश की गयी ।’’
देश में आगामी आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद की उनकी महत्वाकांक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मेरी कोई भी दावेदारी नहीं है ।
यह पूछे जाने पर कि क्या वे देश में अब विपक्ष की राजनीति को मजबूत करेंगे, नीतीश ने कहा कि पूरे तौर पर करेंगे । उन्होंने कहा कि एक बार पहले भी किया था । कुमारने कहा कि हम चाहेंगे कि सभीलोग मिलकर पूरी तरह से मजबूत हों और सभी लोग आगे के लिये सब कुछ करें ।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को लगता है विपक्ष खत्म हो जाएगा तो हमलोग भी अब आ ही गए हैं विपक्ष में ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘2014 में जो (सत्ता में) आए, 2024 के आगे रह पाएंगे या नहीं वह अपना समझें।’’
यह पूछे जाने पर कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच क्या अंतर है, नीतीश ने कहा, ‘‘अटल जी कितना प्रेम करते थे और मानते थे उसे हम कभी नहीं भूल सकते हैं। उस समय की बात ही कुछ और थी। बाद में फिर हम उधर गए और जो कुछ होता रहा उस बारे में हमारे दल के लोगों से पूछ लीजिए।’’
पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का नाम लिए बिना उनकी ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ’’एक आदमी जिसे हमने इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी थी, उसके बारे में भी सभी लोगों से पूछें... पार्टी की तरफ रहने के बजाए कहीं और दिमाग चलाते रहे ।’’
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