पटना, 12 जून बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए सोमवार को कहा, ‘‘सिर्फ दो लोगों का गुणगान किया जा रहा है, जिनका राजनीतिक अनुभव 20-22 साल से ज्यादा का नहीं है।’’
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के शीर्ष नेता नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर परोक्ष रूप से संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘आज कल देश में दो लोग सिर्फ अपना ही नाम लेते रहते हैं। अपने पार्टी के नेताओं का भी नाम नहीं लेते हैं। वे बापू (महात्मा गांधी) के योगदानों को स्वीकार नहीं करते। यहां तक कि अटल बिहारी वाजपेयी जी का भी नाम नहीं लेते हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर शानदार काम किया। मुरली मनोहर जोशी को भी भुला दिया गया है।’’
विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग द्वारा आयोजित नव नियुक्त सहायक प्राध्यापक (विद्युत अभियंत्रण) व्याख्याता (असैनिक अभियंत्रण) एवं व्याख्याता (अर्थशास्त्र) के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग 10 लाख लोगों को नौकरी एवं 10 लाख को रोजगार का अवसर देंगे। हमलोगों के कामों की कोई चर्चा नहीं करता है।
उन्होंने कहा कि पिछले नौ सालों में केंद्र सरकार ने बिहार के लिये कुछ भी नहीं किया है लेकिन हर जगह उसकी ही चर्चा होती रहती है। हमने बिहार में काफी काम किये हैं लेकिन उसकी चर्चा कोई नहीं करता है।
उन्होंने कहा कि साइकिल योजना जब बिहार में शुरू की गई, उस समय देश और विदेशों में भी ऐसी योजना नहीं थी। हम ने जो काम किया है, उसको केन्द्र ने अपनाया है। आज कल केंद्र वालों ने मीडिया पर कब्जा कर लिया है।
पिछले साल अगस्त में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ चुके नीतीश ने कहा, ‘‘हमारे साथ बिहार में पहले जो लोग काम करते थे, वे भी मेरे खिलाफ आज कल खूब बोलते हैं ताकि उनको बढ़िया जगह मिल जाय लेकिन कहीं किसी को पार्टी कुछ नहीं दे रही है। हम सभी के लिए काम करते हैं लेकिन वे सिर्फ अपने लिये काम करते हैं।’’
भाजपा से नाता तोड़ लेने के बाद अगले साल लोकसभा चुनाव में भगवा पार्टी को परास्त करने के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे नीतीश कुमार ने कहा कि हम ज्यादा से ज्यादा विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं। ऐसा हुआ तो वे लोग (भाजपा) सत्ता से चले जायेंगे जिससे समाज में आपसी समझ और बढ़ेगा।
उन्होंने अपने विपक्षी एकता अभियान का भी जिक्र किया, जिसके तहत कई पार्टियों के नेताओं की पटना में अगले सप्ताह बैठक होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां मौजूद पत्रकारों से कहना चाहता हूं, मैं आपके पक्ष में हूं। एक बार अलग-अलग पार्टियों को साथ लाने की मेरी कोशिश रंग लाए और ये लोग चले जाएं (भाजपा सत्ता से बाहर हो गई), तो आप निश्चिंत हो सकते हैं कि आपको सम्मान मिलेगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का नाम हम बदलकर विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग करेंगे,बहुत जल्द कैबिनेट से इसकी मंजूरी दी जायेगी।
कार्यक्रम के दौरान मौजूद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव की मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उनसे भी हमने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के लिए आग्रह किया था। उनलोगों ने भी इसकी सहमति दी थी।
तेजस्वी यादव की ओर मुड़ते हुए, मुख्यमंत्री ने याद किया ‘‘उनकी मां राबड़ी देवी जब सत्ता में थीं, तब केंद्र ने बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज को एनआईटी के रूप में अपग्रेड करने का प्रस्ताव किया था।’’
कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान दरभंगा में प्रस्तावित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का जिक्र करते हुए कहा उसके लिए राज्य सरकार द्वारा दी जानेवाली जमीन को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लेने से इनकार कर दिया है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर अपना प्रहार जारी रखते हुए कहा, ‘‘ ऐसा लगता है कि अब अच्छे काम इनकी सत्ता से विदाई के बाद ही होगी। तबतक हमें राज्य की मौजूदा स्वास्थ्य सेवा में यथासंभव सुधार करना होगा।’’
नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘मुझे समझ नहीं आ रहा है कि एम्स के लिए प्रस्तावित स्थान में क्या समस्या है। यह शहर का सबसे बेहतर संपर्क वाला स्थान है। नजदीक में चार लेन की सड़क बनाई जा रही है जिससे संपर्क में उल्लेखनीय सुधार होगा।’’
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