पटना, 19 जुलाई बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि को लेकर हो रही सरकार की आलोचना के बीच राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई।
मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर हुई बैठक में मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा और पुलिस महानिदेशक राजविंदर सिंह भट्टी समेत शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।
यह बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली।
नीतीश ने कहा, “कानून-व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और अपराध नियंत्रण सुनिश्चित करने में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
कुमार ने जरूरत पड़ने पर अधिक कर्मियों की भर्ती करने, गश्त तेज करने और घटनास्थल पर त्वरित मदद पहुंचाकर पुलिस व्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि भूमि विवाद से संबंधित हत्याओं में कमी आई है, जो पहले कुल हत्याओं का 60 प्रतिशत से अधिक हुआ करती थी हालांकि अब इसकी संख्या घटकर आधी से भी कम रह गयी है।
कुमार ने अधिकारियों को अवैध खनन गतिविधियों के प्रति भी सतर्क रहने को कहा। उन्होंने कहा कि अवैध खनन अपने आप में एक अपराध है और अक्सर अन्य हिंसक अपराधों को भी जन्म देता है।
मुख्यमंत्री ने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित कार्रवाई सुनिश्चित करने को भी कहा।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने प्रदेश की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की अपराध नियंत्रण में कथित विफलता को उजागर करने के लिए सभी जिला मुख्यालयों पर आंदोलन करने का फैसला किया, जिसके एक दिन पहले नीतीश की यह बैठक हुई।
हाल के दिनों में राज्य में कई गंभीर आपराधिक घटनाएं हुईं हैं, जिस कारण कानून-व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है।
इस सप्ताह की शुरुआत में पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)