अहमदाबाद, 17 अक्टूबर गुजरात विद्यापीठ के न्यासी बोर्ड के नौ सदस्यों ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राज्य के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महात्मा गांधी द्वारा 1920 में स्थापित विश्वविद्यालय का नया कुलाधिपति नियुक्त किए जाने के विरोध में इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने इस नियुक्ति में ‘‘अनुचित जल्दबाजी’’ किए जाने और ‘‘राजनीतिक दबाव’’ होने का आरोप लगाया।
बहरहाल, अहमदाबाद स्थित विश्वविद्यालय के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय ने इस्तीफे स्वीकार नहीं करने का फैसला किया।
देवव्रत ने गुजरात विद्यापीठ के 12वें कुलाधिपति का प्रभार संभालने पर 11 अक्टूबर को सहमति जताई थी।
मानद विश्वविद्यालय गुजरात विद्यापीठ की नीति निर्माता इकाई ने इला भट्ट के इस्तीफे के बाद चार अक्टूबर को 12वें कुलाधिपति के रूप में आचार्य देवव्रत के नाम का प्रस्ताव रखा था।
इला भट्ट (89) ने अपनी आयु का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था।
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