नयी दिल्ली, छह जून राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मणिपुर में हिंसा बढ़ाने और पूर्वोत्तर राज्य में आतंक फैलाने के लिए रची गई उग्रवादियों और आतंकवादी संगठनों की अंतरराष्ट्रीय साजिश से संबंधित एक मामले में बृहस्पतिवार को इंफाल हवाई अड्डे से एक प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार किया।
एनआईए ने एक बयान में बताया कि ‘कुकी नेशनल फ्रंट-मिलिट्री काउंसिल’ (केएनएफ-एमसी) के सदस्य थोंगमिनथांग हाओकिप उर्फ थांगबोई हाओकिप उर्फ रोजर को पिछले साल 19 जुलाई को एनआईए द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर दर्ज किए गए मामले में भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है।
एनआईए की जांच के अनुसार, ‘‘यह साजिश कुकी और जोमी विद्रोहियों ने रची थी और उन्हें पूर्वोत्तर राज्यों एवं पड़ोसी म्यांमा में स्थित आतंकवादी संगठनों का समर्थन प्राप्त था। एनआईए की जांच के अनुसार, इस साजिश का उद्देश्य क्षेत्र में मौजूदा जातीय अशांति का फायदा उठाना और हिंसक हमलों के जरिए भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना था।’’
बयान में कहा गया है कि आरोपी उग्रवाद और हिंसा के दौरान विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा बलों पर हुए हमलों में शामिल पाया गया।
बयान में कहा गया है कि रोजर मणिपुर में अस्थिरता बढ़ाने और लोगों के मन में आतंक पैदा करने के लिए आवश्यक सामग्री की आपूर्ति के लिए म्यांमा के उग्रवादी समूह ‘कुकी नेशनल फ्रंट-बर्मा’ (केएनएफ-बी) के संपर्क में था।
इसमें कहा गया, ‘‘एनआईए की जांच से पता चला है कि आरोपी ने मणिपुर में हिंसा के दौरान इस्तेमाल करने के लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटकों की आपूर्ति के लिए पीडीएफ/केएनएफ-बी (म्यांमा) के सदस्यों से मुलाकात की थी।’’
बयान में कहा गया कि आरोपी ने राज्य में मौजूदा संकट के दौरान सुरक्षा बलों और विरोधी समूह के खिलाफ कई सशस्त्र हमलों में भाग लेने की बात स्वीकार की है।
इसमें कहा गया है, ‘‘उसने ‘कुकी नेशनल फ्रंट- मिलिट्री काउंसिल और यूनाइटेड ट्राइबल वालंटियर्स’ (यूटीवी) का सदस्य होने की बात भी स्वीकार की है।’’
एनआईए ने कहा कि साजिश में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने और उन पर नजर रखने तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता को नष्ट करने की आतंकवादी संगठनों के षड्यंत्रों को विफल करने के लिए जांच जारी है।
मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में मणिपुर के पहाड़ी जिलों में तीन मई 2023 को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ का आयोजन किया गया था। इस मार्च के कारण मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय झड़पें हुईं जिसमें कम से कम 219 लोगों की जान चली गई।
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