देश की खबरें | पश्चिमी दिल्ली में आग की घटना को लेकर एनजीटी ने दिल्ली सरकार को फटकार लगायी

नयी दिल्ली, 25 जुलाई राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पश्चिमी दिल्ली स्थित एक फैक्टरी में लगी आग के मामले में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को फटकार लगायी और कहा कि प्रशासन ने मानव जीवन के प्रति लापरवाही बरती और पीड़ितों के परिवार को मुआवजा देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने आश्चर्य जताया कि छह लोगों की मौत होने के बावजूद ''हत्या के प्रयास'' के अंतर्गत अपराध दर्ज किया गया।

पीठ ने कहा, '' जिलाधिकारी ने अवगत कराया है कि प्रत्येक मृतक के परिजन के लिए केवल 50,000 रुपये का मुआवजा घोषित किया गया लेकिन वह भी नहीं दिया गया। ऐसे तथ्य मौत के मामलों में संबंधित प्रशासन की लापरवाही को दर्शाते हैं। और भी चौंकाने वाली बात यह है कि नोटिस के बावजूद, निदेशक औद्योगिक सुरक्षा और विचाराधीन इकाई ने पेश होने की भी परवाह नहीं की।''

पीठ ने कहा कि प्रथमदृष्टया पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन हुआ है और पीड़ितों को एनजीटी अधिनियम की धारा 15 के तहत मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में अंतिम आदेश दिए जाने से पहले गतिविधि की वास्तविक स्थिति और कानून का किस तरह उल्लंघन किया गया, इस बारे में सही जानकारी मिलनी चाहिए।

एनजीटी ने घटना के कारणों का पता लगाने के लिए अधिकारियों की एक समिति का गठन किया, जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, पश्चिमी दिल्ली के जिलाधिकारी, निदेशक औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य और बाहरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त शामिल हैं।

एनजीटी ने पश्चिमी दिल्ली के उद्योग नगर स्थित एक कपड़ा एवं जूता फैक्टरी में आग लगने के संबंध में आयी मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लेकर मामले में सुनवाई की।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)