मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश), 13 सितंबर वर्ष 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान एक कथित सामूहिक बलात्कार पीड़िता की तरफ से स्थानीय अदालत में मंगलवार को पेश हुई उच्चतम न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने कहा कि मामले के आरोपी प्रकरण की सुनवाई में विलंब करने की कोशिश कर रहे हैं।
अपर जिला जज सीमा मल्होत्रा ने बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के लिए 15 सितंबर की तारीख नियत की है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक आठ सितंबर 2013 को मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान लंक गांव में तीन लोगों ने पीड़ित महिला को तमंचे से आतंकित कर उससे सामूहिक बलात्कार किया था और यह धमकी दी थी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो वे उसके बेटे की हत्या कर देंगे।
इस घटना की तफ्तीश के लिए गठित विशेष जांच दल ने कुलदीप, महेशवीर और सिकंदर नामक अभियुक्तों के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र दाखिल किया था। मुकदमे के विचारण के दौरान कुलदीप की मौत हो गई थी।
अधिवक्ता नरेंद्र शर्मा के मुताबिक इस मामले में पीड़िता तथा उसके पति समेत सात लोगों की गवाही हुई थी।
गौरतलब है कि वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों में 60 से ज्यादा लोग मारे गए थे तथा 40 हजार से अधिक लोगों को अपना घर बार छोड़कर जाना पड़ा था।
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